शादी के शुरुआती दिनों में, पति के साथ बिताए गए अंतरंग पलों में दुनिया की सारी खुशियां सिमट जाती हैं। 🌟 एक महिला के लिए अपने स्त्रीत्व का असली एहसास तब होता है जब उसे अपने पति का अटूट प्यार और समर्पण मिलता है। मेरे पति, आर्यन, भी ऐसे ही थे। उन्होंने मेरे हर शारीरिक और मानसिक जरूरत का पूरा ध्यान रखा। 💖
समय के साथ, हमारी सैक्स लाइफ में भी बदलाव आया। शादी के पांच साल बाद, जहाँ पहले दिन में 2-3 बार संबंध बनते थे, अब महीने में 2-3 बार ही बनते थे। इस बदलाव ने मुझे चिंतित कर दिया और मेरे मन में नकारात्मक विचार आने लगे। 😔 मुझे लगा कि आर्यन का प्यार कहीं और चला गया है।
इस चिंता में घुलते हुए, मैंने आर्यन से खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, बल्कि वे मुझे पहले से भी ज्यादा प्यार करते हैं। लेकिन अब शारीरिक संबंधों में उनकी रुचि कम हो गई है। 😟 मैंने घबराकर डॉक्टर से परामर्श लिया, जहाँ दो महीने तक हमारी काउंसलिंग हुई।
डॉक्टर ने सम्मोहन के माध्यम से यह जानने की कोशिश की कि समस्या क्या है। उन्होंने बताया कि आर्यन अब वर्तमान से ज्यादा भविष्य की चिंता करते हैं। 🌱 वे सोचते हैं कि कैसे मेरी और परिवार की जरूरतों को पूरा करें। यह चिंता उनके शारीरिक संबंधों में अरुचि पैदा कर रही थी।
डॉक्टर ने हमें समझाया कि नियमित और एक ही तरीके से किया गया संभोग जीवन में उत्साह को खत्म कर देता है। उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं कुछ नया ट्राय करूं, और संभोग की पहल खुद करूं। 🥰 साथ ही, आर्यन को यह भरोसा दिलाऊं कि मैं हर कदम पर उनके साथ हूँ, सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि कर्तव्य और धर्म से भी जुड़ी हूँ। 🤝
मैंने डॉक्टर की सलाह मानी और धीरे-धीरे हमारी जिंदगी में फिर से खुशियां लौट आईं। 😊 आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ, तो समझ में आता है कि हर पति-पत्नी के जीवन में ऐसा समय आता है। यकीन मानिए, आपके पति आपकी भलाई के लिए अपनी शारीरिक और मानसिक संतुष्टि की कुर्बानी देते हैं। हमें यह समझना होगा और उन्हें सहारा देना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हमारे रिश्ते में फिर से वही उत्साह और प्यार लौट आए।
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