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Friday, 17 January 2020

My poem

आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए।
जब देश पर हमला हो तो सैनिकों के साथ इन्हें भी लड़ना चाहिए। 
जब गरीब मजदूर किसान  आत्महत्या करे तो उसके लिए भी आंदोलन करना चाहिए।आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए

 जाति धर्म को छोड़कर इंसानियत के नाम पर भी आंदोलन करना चाहिए।
किसी को मोहरा बनाकर आगे आना नहीं चाहिए।
आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए
 राजनीति करना है तो खुलकर आगे आना चाहिए।
आंदोलन करना है तो खुद की प्रॉपर्टी का नुकसान करना चाहिए। 
सरकारी संपत्ति और पब्लिक प्रॉपर्टी का नुकसान नहीं करना चाहिए।।    आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए    
                                               
देशहित में स्वच्छता की बात हो तो आगे आना चाहिए।  
देश में जो गंदगी फैलाएगा उसका बहिष्कार करना चाहिए।
आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए
देश को जो जाति धर्म के नाम पर बाठते हैं उसका विरोध करना चाहिए।
आंदोलनकारियों का रजिस्ट्रेशन फ्री होना चाहिए।

जनसंख्या वृद्धि पर भी रोक लगना चाहिए।
देश में दो बच्चों का कानून बने।
जिसके लिए भी आंदोलन करना चाहिए।


                                                                   लेखक : सुनिल राठोड

Thursday, 16 January 2020

क्या चल रहा है मेरे देश में...


क्या चल रहा है मेरे देश में। 
गरीब मजदूर  परेशान है मेरे देश में
बेरोजगार भी परेशान है मेरे देश में।
कोई जाति धर्म की राजनीति कर रहा है 
तो कोई राजनीति में.भी राजनीतिक कर रहा हैं
क्या चल रहा है मेरे देश में ...

जिसके खाते में फूटी कौड़ी नहीं वह भी 
विरोध कर रहा है नोटबंदी का।
जिसको CAA का फुल फॉर्म नहीं पता वह भी 
विरोध कर रहा है इस कानून का।
जिसको अपने धर्मों का ज्ञान नहीं वह दूसरों के धर्मों का ज्ञान बांट रहा है। 
क्या चल रहा है मेरे देश में...

कोई गरीबी में जी रहा है तो कोई बेरोजगारी से मर रहा है यहां पर पढ़ा लिखा इंसान अनपढ़ नेता को सलाम ठोक रहा है। कोई छपाक फिल्म को टैक्स फ्री कर रहा है तो कोई तानाजी को कोई इतिहास बदलने में लगा है तो कोई बचाने मे। क्या चल रहा है मेरे देश मे
क्या चल रहा है मेरे देश में...

दुनिया में सबसे ज्यादा सरकारी संस्था है। इस देश में ।
फिर भी बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। इस देश में।नौकरी के नाम पर पैसा लूटने का दौर चल रहा है। 500 की भर्ती के लिए पांच लाख फॉर्म भरने का भी दौर चल रहा है।बेरोजगारों का शोषण करने का भी  दौर चल रहा है। क्या चल रहा है मेरे देश में...

किसान तो किस्मत का ही मारा है। कभी प्राकृतिक आपदा ने
घेरा है ।तो कभी समर्थन मूल्य ने मारा है।
10 साल में बीज का दाम 10 गुना बड़ा है।
और फसल का दाम डेढ़ गुना भी नहीं।
क्या चल रहा है मेरे देश में। 
डाटा पैक महंगा और आटे का बैग सस्ता हो रहा है। जिसको हिंदी 
का ज्ञान नहीं वो इंग्लिश झड़ रहा है।क्या चल रहा है मेरे देश में ...
क्या चल रहा है मेरे देश में...


ट्रेन के जनरल डिब्बे में 70 सीटें है।
फिर भी उस में 300 लोग ठुसे  जाते हैं।
रेलवे उनसे पैसा भी बराबर लेता है।
बस में 50 सीटें हैं फिर भी 100 लोग ठुसे जाते है।
बाइक पर तीन लोग बैठने पर चालान काटा जा रहा है।
क्या चल रहा है मेरे देश में...


भ्रष्टाचार रोकने की वह लोग बात करते हैं जो चुनाव में वोट खरीदते हैं।
कुछ लोग चुनाव के पहले हाथ जोड़कर पेर पढ़ते हैं। 
और चुनाव जीतने के बाद में अदृश्य हो जाते हैं।
इतिहास गवाह है आज तक कोई नेता मंत्री का बेटा शहीद नहीं हुआ है।
वे लोग कोई सर्जिकल स्ट्राइक का क्रेडिट लेता है।तो कोई सबूत।मांगता है।
क्या चल रहा है मेरे देश में...
                                                               लेखक सुनील, राठौड़
         
                                    



 हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.. लेकिन कभी पीली साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र... तो समझ जाना तुम... जब तुम रसोई में अके...