देखो बे लौंडों! जब कभी जिंदगी में इतना टूट जाओ और लगे कि सब कुछ खत्म हो चुका है अब साला कुछ नही बचा जीने को! सुसाइड का खयाल आए और सोंचने लगो कि अब मर ही जातें हैं, या पागल होने के कगार पर पहुँच जाओ...मतलब एकदम वर्स केस हो जाए, चाहें वो किसी ऐसे के चले जाने की वजह से हो जिसे तुम अपना सब कुछ मानते थे या फिर साला ये emi भरने के लिए नौकरी करने की वजह से हो या फिर चाहें जो कुछ भी रीज़न हो तो एक काम करना। सब कुछ छोड़-छाड़ के निकल जाना बस। अगर नौकरी करते हो तो नौकरी छोड़ देना अगर पढ़ाई करते हो तो पढ़ाई बन्द कर देना क्योंकि भोसd के जीना बहुत जरूरी है और जिंदगी उतनी ही खूबसूरत है पर ये सब बातें तुम तभी जान पाओगे जब ये सारा बुरा फेस बिताकर जिंदा बच जाओगे। जानता हूँ कि ये सब इतना आसान नही है पर बस तुम सोचना मत, कर देना इतना! क्योंकि मर जाना सबसे आसान होता है।
देखो! पढ़ाई या नौकरी छोड़कर जायेंगे भी कहाँ। कब तक भागेंगे यही ना? तो बस 2-3 महीने के लिए घर पर चले आओ सबसे पहले तो। और साला एक बात बताएं! जिंदगी में चाहें कितनी भी परेशानियां हो न अगर तुम्हारे पास 2-4 ढंग के दोस्त हैं न तो सब ठीक हो जाता है और अगर वो नही हैं न तो साला तुम आज तक जी ही नही रहे थे। तो फ़ोन करो उन्हें या जाओ उन ख़ास दोस्तों के पास और मन भर रो लो। जितना मन करे खुल के रो लो पहिले। ऐसा नही है कि एक बार रो देने भर से तुम्हारे सारे आँसू निकल जाएंगे या सारा दर्द। रोने का ये सिलसिला चलता रहेगा अभी कुछ दिनों तक पर यकीन करो बहुत कुछ हल्का हो जाएगा एक बार किसी के सामने खुल के रो लेने पर।
कुछ बहुत बुरा होने के बाद इससे पहले कि तुम खुद को शराब और सिगरेट में झोंकों उससे पहले ही मेडिटेशन की तरफ मुड़ जाओ। ऐसे बहुत से फ्री कोर्सेज हैं जो तुम्हें हफ्ते-दश दिन अपने पास रखेंगे और तुम्हारे अंदर बहुत कुछ सकारात्मक बदलाव ले आएंगे! तो उनको करो। फिर जब निकलो तो अगर पैसे-रुपये ना हों तो उधार लो दोस्तों से और निकल पड़ो किसी भी शहर में। यूँ ही भटकने को। किसी दिन पूरी दोपहरी किसी चौराहे पर पेड़ के नीचे बैठकर यूँ ही लोगों को आते जाते देखते हुए बिता दो। हाँ पता है यही कहोगे कि अकेलेपन में बुरी चीजें और भी याद आती हैं पर नही बे! जब तुम किसी दुपहरी को ऐसे बिता दोगे न तो देखोगे और खुद ही समझ पाओगे कि साला सच में दुनिया क्या है और क्या तमाशा चल रहा है यहाँ और यकीन मानो वो चीज़ बिना तुम्हारे खुद के अनुभव किए बिना नही आएगी और ना ही कोई समझा पाएगा तुम्हें।
साला ऐसे टाइम में सबसे ज्यादा जरूरत होती है प्यार की! पर कभी भी ऐसे बुरे वक्त में प्यार मत करना। क्योंकि इस वक़्त इंसान प्यार कम सहारा ज्यादा ढूंढ़ता है और ऐसे में तुम्हें तो सहारा मिल जाता है और अच्छा भी लगने लगता है पर कुछ समय बाद जब होश आता है तो पता चलता है कि तुम सामने वाले इंसान की फीलिंग्स के साथ पूरी तरह से न्याय नही कर पा रहे हो और कहीं न कहीं धोका दे रहे हो उसे और अगर उस वक्त तुम्हारा जमीर फिर से जाग गया! जो कि जागेगा ही क्योंकि अगर तुम्हारे अंदर अगर जमीर नही होता तो तुम्हारी ये कंडीशन ही नही होती, तो उस वक्त गुरु! तुम्हें मरने से कोई नही बचा नही बचा पाएगा। तो इन सब चूतियापे में मत पड़ना कि एक सब्स्टीट्यूट के सहारे तुम ठीक हो जाओगे। अगर सब्स्टीट्यूट वाले तुम होते न तुम्हारी इतनी गांd ही नही फटती कभी।
बाकी तुम्हें अगर सेक्स चाहिए तो करो! और हो सके तो किसी ऐसे इंसान से करो जिसको तुम्हारी न बोली समझ आती हो न भाषा! इसका एक बड़ा फायदा ये होगा कि तुम्हारे अंदर के जज़्बात उसके साथ नही जुड़ पाएंगे न ही उस वक्त तुम्हारी एकतरफा कही बातों का कोई मतलब होगा। तो जाओ उसके पास और रोते हुए जो कुछ भी कहना चाहते थे किसी और से सब कह लो! और सेक्स करने के लिए हैं बहुत से लीगल जगहें तो इस बात का ख़ास ध्यान रखना कि इसके लिए किसी की फीलिंग्स के साथ मत खेलना कभी, किसी को नुकसान ना पहुंचाना। जो करना है करो, जितनी तकलीफें देनी हैं दो! लेकिन खुद को! पर बेटीचो* जिंदा रहो! बस कुछ दिन! साला अगर मर गए न झांt ये देखकर अफसोस करने को भी नही मिलेगा कि जिंदगी कितनी खूबसूरत थी। जो जाना चाहता है उसे जाने दो! जो गया उसे भूल जाओगे! सबको अपनी जिंदगी जीने का हक अपने हिसाब से है तो इस बात का रंDरोना मत रोओ कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया या मेरे साथ वैसा क्यों किया। तुम्हारे साथ न कोई अच्छा कर सकता है और न कोई बुरा जब तक तुम न चाहो। बाकी जीने दो सबको खुशी-खुशी! फिर धीरे-धीरे देखोगे की कैसे साला जिंदगी मजे से पटरी पर चढने लगती है और फिर से फूल रफ्तार में भागना शुरू कर देती है। बस जिंदा रहना और कभी जरूरत हो तो बताना! लव गुरु खाली fm पर नही मिला करते 🖤
मलाल
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