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Thursday, 19 September 2024

हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती*

 **हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती**

राजा दशरथ जब अपने चारों बेटो की बरात लेकर जनक के द्वारा पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक बारात का स्वागत किया 

तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छु लिए 

चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और कहा महराज आप बड़े है वरपक्ष वाले हैं ये उल्टी गंगा कैसे बह रहा है 

इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुंदर बात कही महराज आप दाता है कन्यादान कर रहे हैं मैं तो याचक हु आपके द्वारा कन्या लेने आया हूं अब आप ही बताइए दाता 

         और

याचक में कौन बड़ा है 

यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से आंसु बह निकली भाग्यशाली हैं वो जिनके घर बेटियां हर बेटी के भाग्य में पिता होता है लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती 

     **जय श्री राम**

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