Search This Blog

Thursday, 5 September 2024

आँख मूंदकर विश्वास करना कितना खतरनाक हो सकता है।

 अजय की नींद अलार्म की कर्कश ध्वनि से टूट गई। वह धीरे-धीरे उठकर गेट की ओर बढ़ा, जहाँ बाहर रखी दूध की थैली उठानी थी। लेकिन जैसे ही उसने गेट खोला, उसकी आँखें फटी रह गईं। उसके घर के कम्पाउंड में, दीवार के सहारे एक लड़की बैठी हुई थी, जो शायद नींद में थी। अजय ने चौंककर पूछा, "अरे! कौन हो तुम और यहाँ क्या कर रही हो?"


अजय की तीखी आवाज़ से लड़की की नींद टूट गई। वह घबरा कर उठी और फिर अचानक अजय के पैरों में गिर गई। "मुझे बचा लीजिए, साहब! वे लोग मुझे मार डालेंगे। प्लीज, मुझे बचा लीजिए," लड़की ने काँपती आवाज़ में कहा। उसकी हालत देखकर अजय हड़बड़ा गया। उसने अपने पैर छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन लड़की ने उन्हें कसकर पकड़ रखा था।


अजय ने झल्लाकर कहा, "पहले मेरे पैर छोड़ो और सच-सच बताओ कि तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो? कौन तुम्हें मारने की धमकी दे रहा है?"


लड़की ने आँसुओं के बीच कहा, "साहब, मैं सब कुछ सच बताऊंगी, पर पहले मुझे अंदर ले चलिए। वे लोग यहीं कहीं छिपे होंगे, अगर उन्होंने मुझे देख लिया तो वे मुझे मार डालेंगे।" लड़की की आवाज़ में इतनी गहरी दहशत थी कि अजय निरुत्तर हो गया।


अजय ने चारों ओर नजर दौड़ाई, लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया। थोड़ी देर सोचने के बाद उसने कहा, "ठीक है, मेरे पीछे आओ, लेकिन पहले रोना बंद करो।"


लड़की चुपचाप अजय के पीछे-पीछे घर के अंदर आ गई। अजय ने दरवाजा बंद कर लिया और उसे सोफे पर बैठने के लिए कहा। खुद भी सामने वाले सोफे पर बैठते हुए उसने पूछा, "अब बताओ, तुम कौन हो, और मेरे घर के कम्पाउंड में क्या कर रही हो? कौन तुम्हें मारने की धमकी दे रहा है?"


लड़की ने आँसू पोंछते हुए कहा, "साहब, मेरा नाम नेहा है। मेरी शादी विकास से हुई थी। वह एक बदमाश निकला, जिसने शराब, जुआ और सट्टे में अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली। उसने मुझे 20 लाख रुपये में अपने पड़ोसी, विनोद, को बेच दिया।"


अजय ने हैरानी से पूछा, "क्या? ये तुम क्या कह रही हो?"


नेहा ने सिर झुका लिया और कहा, "विकास मुझे विनोद के घर ले गया और कहा, 'लो, अब यह तुम्हारी जिम्मेदारी है।' और फिर चला गया। जब मैंने जाने की कोशिश की, तो विनोद ने मुझे पकड़ लिया और कहा, 'मैंने तुम्हें 20 लाख रुपये में खरीदा है, ऐसे कैसे जाने दूंगा?' तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी सुंदरता ही मेरे विनाश का कारण बन गई थी।"


अजय ने नेहा की स्थिति को समझते हुए उसे सांत्वना दी, "अब रोना बंद करो। आगे क्या हुआ, बताओ।"


नेहा ने बात जारी रखी, "उस दिन से मेरा शोषण शुरू हो गया। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मुझे बुरी तरह मारा। मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने मेरी रिपोर्ट लिखने के बजाय विनोद को बुला लिया। थाने में ही विनोद ने मेरी जमकर पिटाई की, और पुलिस वाले मुस्कुराते रहे। उसके बाद से मैं विनोद की गुलाम बन गई।"


अजय कुछ कहने ही वाला था कि अचानक डोरबेल बज उठी। उसने स्क्रीन पर देखा कि दो अजनबी चेहरे बाहर खड़े थे। नेहा ने डरते हुए कहा, "ये वही लोग हैं! दरवाजा मत खोलना, साहब, वे लोग मुझे मार डालेंगे!"


अजय ने ऑडियो ऑन कर पूछा, "कौन है?"


बाहर से आवाज आई, "साहब, एक लड़की है, वह यहां आई क्या?"


अजय ने जवाब दिया, "नहीं, यहां कोई नहीं है। अब जाओ यहां से।"


जब वे लोग चले गए, तो नेहा ने अजय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "साहब, आपने आज मेरी जान बचाई है। मैं आपकी जिंदगी भर गुलाम रहने को तैयार हूं।" उसने अजय को गले लगा लिया, लेकिन अजय ने तुरंत उसे पीछे हटने को कहा।


थोड़ी देर बाद, नेहा ने एक तस्वीर की ओर इशारा करते हुए पूछा, "ये लड़की कौन है आपके साथ?"


अजय ने हंसते हुए कहा, "वह मेरी पत्नी, स्वाति है। आज दोपहर तक वह घर आ जाएगी।"


नेहा ने मुस्कुराते हुए पूछा, "तो क्या मैं भी उनसे मिल सकती हूँ?"


अजय ने गंभीरता से मना करते हुए कहा, "नहीं, तुम उनसे नहीं मिल सकती। अगर वह तुम्हें यहां देखकर कुछ गलत समझ बैठी तो?"


नेहा ने समझने का अभिनय करते हुए कहा, "आप सचमुच अपनी पत्नी से बहुत डरते हैं!"


अजय ने थोड़ा मुस्कुराते हुए उसे किचन में फ्रेश होने के लिए भेजा और खुद सैंडविच बनाने की तैयारी में लग गया।


कुछ देर बाद, नेहा ताजगी से भरी हुई किचन में आई, लेकिन अजय का ध्यान उसके कपड़ों की ओर गया। वह स्वाति के कपड़े पहनकर आई थी, लेकिन कपड़े उसे तंग आ रहे थे, जिससे उसके शरीर के उभार और भी स्पष्ट हो गए थे। अजय उसकी ओर देखता रह गया।


तभी फिर से डोरबेल बजी। इस बार अजय ने स्क्रीन पर देखा कि पुलिस खड़ी थी। उसके दिल की धड़कन तेज हो गई। पुलिस ने अंदर आकर पूरे घर की तलाशी ली। तलाशी के दौरान, बेसमेंट से किसी लड़की की घुटी-घुटी आवाज़ सुनाई दी।


पुलिस ने बेसमेंट में जाकर देखा, तो नेहा, जिसे अब श्वेता के नाम से पहचाना गया, हाथ-पैर बंधी और घायल अवस्था में पड़ी थी। उसने पुलिस को बताया कि अजय ने उसे किडनैप किया था।


पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर लिया। अजय की पूरी दुनिया उजड़ चुकी थी। उसने जो मदद की थी, वह अब उसके लिए बर्बादी का कारण बन गई थी। श्वेता उर्फ नेहा ने उसे धोखा दिया था, और अब उसकी पत्नी स्वाति भी घर लौटने वाली थी। अजय समझ नहीं पा रहा था कि वह इस हालात से कैसे निकले।


शेखर और उसके साथियों ने अब अजय से एक करोड़ रुपये की मांग की, ताकि वह मामले को दबा सकें। अजय को मजबूरन पैसे देने पड़े, और उसने स्वाति के आने से पहले ही उन्हें वहां से रवाना कर दिया।


उस दिन के बाद अजय ने सीख लिया कि इस दुनिया में किसी पर भी आँख मूंदकर विश्वास करना कितना खतरनाक हो सकता है। उसने यह कड़वा सबक हमेशा के लिए याद कर लिया।

No comments:

 हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.. लेकिन कभी पीली साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र... तो समझ जाना तुम... जब तुम रसोई में अके...