जब एक औरत की शारीरिक जरूरत उसका पति पूरा नहीं कर पाता तो अक्सर औरत ऐसा ही करती है
रीमा ने एक दिन अपने पति अशोक से सीधे शब्दों में सवाल किया, "क्या तुम्हें लगता है कि हमारी शादी में वो जुनून अब भी है?" अशोक कुछ देर चुप रहा, जैसे उसे समझ ही नहीं आया कि आखिर रीमा ऐसा सवाल क्यों पूछ रही है। उसने हल्की हंसी के साथ जवाब दिया, "हम तो एक खुशहाल दंपती हैं, ऐसा क्या कमी महसूस होती है तुम्हें?" लेकिन रीमा की आँखों में जो खलिश थी, वो शायद अशोक समझ नहीं पा रहा था।
💔 रीमा की उलझन: शादी के आठ साल बाद भी रीमा को अपने रिश्ते में वो अपनापन और उत्साह महसूस नहीं हो रहा था। अशोक एक अच्छा इंसान था, लेकिन उसने कभी रीमा की भावनाओं और उसकी गहरी इच्छाओं को समझने की कोशिश नहीं की थी। उसकी सारी प्राथमिकताएं काम और परिवार की जिम्मेदारियों में समाई हुई थीं। रीमा अक्सर महसूस करती कि उनका रिश्ता एक रूटीन बनकर रह गया है, जिसमें रोमांच और वो खास जुड़ाव कहीं खो गए हैं।
🌹 अपनी सहेली से सलाह: अपनी उलझन को दूर करने के लिए रीमा ने अपनी करीबी सहेली सोनल से बात की। सोनल ने उसे एक महत्वपूर्ण सलाह दी, "तुम्हें अशोक से इस बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। बहुत बार मर्द अपनी पत्नी की ख्वाहिशों को तभी समझ पाते हैं जब वो सीधा बताती हैं।" सोनल ने रीमा को समझाया कि उसे अपनी भावनाएं स्पष्ट शब्दों में अशोक के सामने रखनी चाहिए।
🌌 अशोक के साथ संवाद: रीमा ने एक शांत शाम को अशोक के साथ बैठकर अपनी भावनाओं के बारे में बात की। उसने बताया कि वो सिर्फ एक जीवन साथी नहीं, बल्कि एक ऐसा साथी भी चाहती है जो उसकी भावनाओं, इच्छाओं और ख्वाहिशों को समझ सके। उसने अशोक से कहा कि उसे सिर्फ प्यार नहीं, बल्कि ऐसा जुड़ाव चाहिए जो उनकी शादीशुदा जिंदगी को और मजबूत बना सके।
💫 अशोक की जागरूकता: रीमा की बातों ने अशोक को सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने महसूस किया कि उसने कभी अपने रिश्ते में उस गहराई को नहीं देखा, जिसकी रीमा को जरूरत थी। उसने अपने रिश्ते को एक नई ऊर्जा देने का वादा किया। उसने तय किया कि वो सिर्फ एक पति नहीं, बल्कि रीमा का ऐसा साथी बनेगा जो उसकी भावनाओं को भी समझे।
💖 नई शुरुआत: धीरे-धीरे अशोक और रीमा के बीच की दूरियां मिटने लगीं, और उनका रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गया। अशोक ने महसूस किया कि रीमा की इच्छाओं को समझने और उसे संतुष्ट करने से उनकी शादी में वो पुरानी गर्मजोशी लौट आई है। अब रीमा भी पहले से ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस करने लगी थी।
सीख: रिश्ते में सिर्फ जिम्मेदारी निभाना ही नहीं, बल्कि एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और उन्हें पूरा करना भी जरूरी होता है। सच्चा प्यार और संतोष तभी संभव है जब दोनों अपने दिल की बातें खुलकर साझा करें और अपने रिश्ते को संजीवनी देने की कोशिश करें।
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