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Saturday, 12 October 2024

संभोग से होने वाली कसरत एक औरत के शरीर को पूर्ण करती हैं सही उम्र में यदि संभोग ना हो तो एक औरत का शरीर उभर नहीं पता

 संभोग से होने वाली कसरत एक औरत के शरीर को पूर्ण करती हैं सही उम्र में यदि संभोग ना हो तो एक औरत का शरीर उभर नहीं पता

क्यों की रति क्रिया के समय जब एक महिला संतुष्टि की प्राप्ति करती है तब उसके शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बनते हैं जो मासिक धर्म की समस्या चेहरे को चमक

उदर समस्या का भी भी समाधान करते हैंकॉलेज की पढ़ाई खत्म होते ही मेरी उम्र 23 साल की थी, और पापा और चाचा मेरे लिए रिश्ता देखने लगे थे। कई लड़के घर देखने आते थे, लेकिन किसी को सही नहीं समझा जाता था। कारण यह था कि सबको सरकारी नौकरी चाहिए थी। मेरी मां इस चिंता में टोटके करती रहती थीं ताकि मेरी शादी जल्दी हो जाए। एक दिन मैंने मां से कहा, "मां, इन टोटकों से क्या होगा? जहाँ शादी होनी होगी, वहाँ हो जाएगी।"

मां ने डांटते हुए कहा, "तुम चुप रहो, शादी और ब्याह दोनों अपने समय पर हों तो ही अच्छा होता है।" उनकी बात सुनकर मैं चुपचाप हट गई। मुझे लगता था कि मेरी राय का कोई महत्व नहीं था। 

करीब छह महीने बाद, एक रिश्ता आया। वह लड़का सरकारी नौकरी में था और उसकी उम्र 37 साल थी, मुझसे 14 साल बड़ा। पापा और चाचा ने सरकारी नौकरी देखकर तुरंत हां कर दी, और मां ने भी सहमति दे दी। मुझसे यह तक नहीं पूछा गया कि मुझे लड़का पसंद है या नहीं। 

फिर, लड़के के घरवाले हमारे घर आए और उन्होंने मुझे देखा। उन्होंने मुझे पसंद कर लिया। जब मैंने उस लड़के को देखा, तो वह उम्र में मुझसे काफी बड़ा लगा, लेकिन मैं यह सवाल करने की हिम्मत नहीं कर पाई कि इतना उम्र का अंतर क्यों है। जब हमें कमरे में अकेला छोड़ा गया, तो मेरे मन में हिम्मत ही नहीं हुई कि कुछ पूछ सकूं।

शाम को जब सब चले गए, तो मैंने बहुत धीमी आवाज़ में अपनी मां से कहा, "मां, वो मुझसे काफी बड़े हैं।" मां ने डांटते हुए कहा, "इतना अंतर चलता है।" उनकी बात मानकर मैंने यह रिश्ता स्वीकार कर लिया। पापा और मां की मर्जी को मैंने अपना आशीर्वाद मान लिया और हमारी शादी हो गई।

शादी की पहली रात हमारे बीच कुछ भी नहीं हुआ। मैंने सोचा कि शायद वह तनाव में हैं। धीरे-धीरे दो हफ्ते बीत गए, और मैंने उनसे पूछा, "क्या मैं आपको पसंद नहीं हूं? आप मेरे करीब क्यों नहीं आना चाहते?" उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर कहा, "ऐसी बात नहीं है।" फिर एक दिन मैंने खुद ही उनके करीब जाने की कोशिश की और जो एक पत्नी का हक होता है, उसे पाने की कोशिश की।

हमारी कोशिश के दौरान अचानक उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह शर्मिंदा होकर कमरे से बाहर चले गए। मैंने उन्हें पूरा समय दिया और एक हफ्ते बाद उनसे पूछा कि क्या उन्होंने डॉक्टर से सलाह ली है। उन्होंने बताया कि पिछले दो साल से इलाज चल रहा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा। मेरा दिल बैठ गया।

एक स्त्री के लिए शारीरिक सुख एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और जब वह सुख न मिले तो न केवल स्त्री का मन असंतुष्ट रहता है, बल्कि वह मां भी नहीं बन सकती। धीरे-धीरे हमारे बीच की दूरी बढ़ने लगी। जब मैं डॉक्टर के पास गई, तो उन्होंने बताया कि मेरे पति की नसें उनकी उम्र की वजह से कमजोर हो गई हैं और काम के प्रेशर की वजह से उनकी काम इच्छा खत्म हो चुकी है। इस उम्र में ऐसी समस्याएं जल्दी ठीक भी नहीं होतीं।

मेरी उम्र 24 साल थी, जहाँ मेरा शरीर शारीरिक सुख की मांग कर रहा था। दूसरी तरफ, मेरे 38 साल के पति थे, जिनकी काम इच्छा खत्म हो चुकी थी। यह मेरे लिए जीते जी मरने जैसा था। मेरे पति मुझे शारीरिक सुख नहीं दे सकते थे, लेकिन वह अच्छे इंसान हैं, और मैं उनसे प्रेम करती हूं, वह भी मुझसे। लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत ने मेरी जिंदगी को बर्बाद कर दिया।

अब मुझे लगता है कि अगर मैंने अपने हमउम्र लड़के से शादी की होती, भले ही वह कम पैसे कमाता, लेकिन वह मुझे खुश रखता। आज मेरे पास सभी सुख-सुविधाएं हैं, लेकिन इन सबके बावजूद मेरी जिंदगी में एक बड़ी कमी है। अब ये सुविधाएं भी फीकी लगने लगी हैं।

मैं हर लड़की के माता-पिता से कहना चाहूंगी कि सरकारी नौकरी की तलाश में अपनी बेटी की जिंदगी से खिलवाड़ मत करें। जीवन में खुश रहने के लिए सिर्फ पैसे ही सबकुछ नहीं होते। एक समय था जब 50 साल के आदमी में भी 25 साल के लड़के जैसी ताकत होती थी, लेकिन आज लोग 30 की उम्र में ही बूढ़े हो रहे हैं। 

जीवन एक बार मिलता है, इसे अच्छे से जिएं। सही समय पर, सही उम्र के लड़के के साथ शादी करें।

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