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Thursday, 10 July 2025

योग्यता अनुभव से आती है

 योग्यता अनुभव से आती है और विश्वास बढ़ाता है मानवीय रिश्तों की चमक

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योग्यता का कोई आधार नहीं है । कभी कभी एक अनपढ़ भी वो कर देता है, जो बड़े बड़े बुद्धिमान नहीं कर सकते।योग्यता अनुभव से आती है, फिर भी हमारा कानून 21 साल के लड़के को योग्य मानते हैं, जबकि लड़की को 18 साल में योग्य मानते हैं । दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति अपनी “योग्यता” के अनुसार चमकता है, अपनी इच्छा के अनुसार नहीं ! कहते हैं कि अनुभव और अभ्यास हमें बलवान बनाता हैं । दुःख हमें इंसान बनाता हैं । हार हमें विनम्रता सिखाती हैं । जीत हमारे व्यक्तित्व को निखारती है, लेकिन सिर्फ़ विश्वास ही है, जो हमें आगे बढने की प्रेरणा देता है।

योग्यता किसी व्यक्ति की किसी विशेष कार्य को करने की क्षमता है, चाहे वह जन्मजात हो या सीखी हुई। यह एक महत्वपूर्ण कारक है, जो किसी व्यक्ति के सफल होने की संभावना को प्रभावित करता है। हममें से कोई नहीं जानता कि अगले पल क्या होने वाला है, फिर भी हम आगे बढ़ते हैं तो किसके सहारे? यह भरोसा ही होता है, जो हमारे लिए प्रेरक का काम करता है। जिन लोगों को भरोसे की समस्या होती है, उन्हें केवल आईने में देखने की जरूरत होती है। वहां वे उस एक व्यक्ति से मिलेंगे जो उन्हें सबसे अधिक धोखा देगा।


      लेखक: सुनिल राठौड़.. बुरहानपुर MP 

Tuesday, 8 July 2025

कैंसर कोई खतरनाक बीमारी नहीं है

 कैंसर कोई खतरनाक बीमारी नहीं है! डॉ. गुप्ता कहते हैं, लापरवाही के अलावा कैंसर से किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। (1). पहला कदम चीनी का सेवन बंद करना है। आपके शरीर में चीनी के बिना, कैंसर कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से मर जाती हैं। (2). दूसरा कदम यह है कि एक कप गर्म पानी में नींबू का रस मिलाएं और इसे सुबह भोजन से पहले 1-3 महीने तक पिएं और कैंसर खत्म हो जाएगा। मैरीलैंड मेडिकल रिसर्च के अनुसार, गर्म नींबू पानी कीमोथेरेपी से 1000 गुना बेहतर, मजबूत और सुरक्षित है। (3). तीसरा कदम है सुबह और रात को 3 बड़े चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल पिएं, कैंसर गायब हो जाएगा, आप चीनी से परहेज सहित अन्य दो उपचारों में से कोई भी चुन सकते हैं। अज्ञानता एक बहाना नहीं है। अपने आस-पास के सभी लोगों को बताएं, कैंसर से मरना किसी के लिए भी अपमान है; जीवन बचाने के लिए व्यापक रूप से साझा करें।

Friday, 4 July 2025

महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने देखा था। सपना...

 सोचिए, आपका फ़ोन बिना तार के चार्ज हो रहा है, या दूर-दराज के इलाकों में भी पलक झपकते ही बिना तार के बिजली पहुंच रही है!

यह बात सुनने में भले ही साइंस फिक्शन लगे, लेकिन अब यह सिर्फ कल्पना नहीं है!


जून 2025 में, अमेरिकी रक्षा अनुसंधान एजेंसी DARPA (Defense Advanced Research Projects Agency) ने न्यू मैक्सिको में एक अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने लेजर तकनीक की मदद से 800 वॉट ऊर्जा को 5.3 मील (8.6 किमी) दूर सफलतापूर्वक भेजा है!

इस 30 सेकंड के प्रयोग में 1 मेगाजूल से अधिक ऊर्जा भेजी गई, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।


यह सफलता साबित करती है कि लंबी दूरी तक वायरलेस बिजली भेजना अब कोई सपना नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल वास्तविकता है।

एक शक्तिशाली लेजर और विशेष रिसीवर का उपयोग करके, हवा में उड़ने वाले ड्रोन, बिना ईंधन वाले सैन्य ठिकाने, और यहां तक कि दुर्गम क्षेत्रों में भी बिजली पहुंचाना संभव होगा।


आश्चर्यजनक रूप से, वायरलेस बिजली भेजने का यह सपना लगभग एक सदी से भी पहले महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने देखा था।

उन्होंने 'वर्ल्ड सिस्टम' नामक एक विशाल टावर के निर्माण के माध्यम से दुनिया भर में वायरलेस बिजली वितरण की कल्पना की थी, हालांकि विभिन्न सीमाओं के कारण तब यह साकार नहीं हो पाया था।

DARPA की यह सफलता टेस्ला के उस दूरदर्शी सपने को नया जीवन दे रही है!


लेकिन सिर्फ यु'द्ध के मैदान में ही नहीं, यह वायरलेस बिजली तकनीक हमारे दैनिक जीवन में जो क्रांति ला सकती है, वह अकल्पनीय है!

यह तकनीक हमारे दैनिक जीवन को और अधिक सुविधाजनक, कुशल और सुरक्षित बनाएगी।


हो सकता है निकट भविष्य में हम एक ऐसी दुनिया में रहें जहाँ तारों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी और बिजली और अधिक सुलभ होगी। ⚡❤️

Thursday, 3 July 2025

तुमने हमेशा कहा कि मैं तुम्हारी बात नहीं समझता… पर क्या तुमने कभी ये सोचा,

 "तुमने हमेशा कहा कि मैं तुम्हारी बात नहीं समझता…

पर क्या तुमने कभी ये सोचा,

कि समझने के लिए भी तो कुछ कहा जाना चाहिए ?


तुम चुप रही, और मैं हर चुप्पी को तोड़ने की कोशिश करता रहा।

तुमने अपनी थकावट का हवाला दिया,

और मैंने अपनी बेचैनी को तकिए में छुपा लिया।

तुमने कहा, ‘मुझे स्पेस चाहिए।’

और मैंने अपनी पूरी दुनिया ही तुम्हारे लिए खाली कर दी…


पर जब तुम गई,

तो वो दरवाज़ा भी बंद कर गई

जिस पर मैंने उम्मीद टाँग रखी थी।


अब अगर कभी लौटने का मन हो भी,

तो दस्तक मत देना —

क्योंकि मैं अब आवाज़ नहीं पहचानता…"

:सुनिल राठौड़ बुरहानपुर 

 हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.. लेकिन कभी पीली साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र... तो समझ जाना तुम... जब तुम रसोई में अके...