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Saturday, 15 August 2020
Wednesday, 29 July 2020
मध्य प्रदेश जेल प्रहरी भर्ती
दोस्तों आज मैंने मध्य प्रदेश जेल प्रहरी भर्ती का विज्ञापन देखा।जिसमें पदों की संख्या 338 दर्शाई गई है।कोविड-19 की महामारी को लेकर देश में पहले ही भूचाल आ रखा है।जिसमें काफी लोग घर से बेघर हो गये। काफी लोग बेरोजगार हो गये है। ऐसे हालात में लोगों के साथ में भर्ती के नाम पर खिलवाड़ करना यह बहुत गलत बात।सरकार 338 लोगों की भर्ती के लिए लगभग 500000 लोगों से फॉर्म भरवाऐग।और उन बेरोजगारों से काफी मोटी रकम वसूल कर के। और उन्हीं के जमा किए हुए पैसे मै से सरकार उनको लगभग 10 साल की सैलरी भी दे देगी। इसका आकलन आप भी कर सकते हो जैसे---->भती संख्या 338
फार्म भरने वालों की संख्या लगभग 500000,
पर कैंडिडेट।एवरेज।₹250/
500000*250=125000000/-
पर कैंडिडेट एग्जाम चार्ज।लगभग 50 रुपए।
जमा125000000- खर्चा,25000000।
बचत,₹100000000,
मेरा सरकार से निवेदन है की आप भर्ती करें ।लेकिन भर्ती संख्या में।बढ़ोतरी करें।या फिर जेल प्रहरी के अलावा अन्य विभाग की भर्ती भी सामील करें।ताकि कम समय में ज्यादा लोगों को रोजगार देने का प्रयास हो।
और मेरिट का क्राइटेरिया भी निर्धारित हो।
जैसे कि-->70% लाने वाले कैंडिडेट।(5 वर्ष या 3 वर्ष)के लिए।
भविष्य में होने वाली भर्ती के लिए।वेटिंग लिस्ट में हो (या रिजर्व हो)ऐसा करने से वास्तव में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ में सही न्याय होगा।और समय के साथ पैसों की बचत भी होगी। ,,,प्रस्ताव अच्छा लगे तो आगे शेयर जरूर करे। ,,
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलामजी की पुण्य-तिथि के अवसर पर उनके यशस्वी कृतित्व, उनकी स्मृति को शत शत वंदन
एक महान वैज्ञानिक और मानवतावादी जन-नायक के रूप में उन्होंने राष्ट्र के समक्ष उत्कृष्टता के अनुकरणीय मानदंड स्थापित किए।
जय हिंद जय भारत!
फार्म भरने वालों की संख्या लगभग 500000,
पर कैंडिडेट।एवरेज।₹250/
500000*250=125000000/-
पर कैंडिडेट एग्जाम चार्ज।लगभग 50 रुपए।
जमा125000000- खर्चा,25000000।
बचत,₹100000000,
मेरा सरकार से निवेदन है की आप भर्ती करें ।लेकिन भर्ती संख्या में।बढ़ोतरी करें।या फिर जेल प्रहरी के अलावा अन्य विभाग की भर्ती भी सामील करें।ताकि कम समय में ज्यादा लोगों को रोजगार देने का प्रयास हो।
और मेरिट का क्राइटेरिया भी निर्धारित हो।
जैसे कि-->70% लाने वाले कैंडिडेट।(5 वर्ष या 3 वर्ष)के लिए।
भविष्य में होने वाली भर्ती के लिए।वेटिंग लिस्ट में हो (या रिजर्व हो)ऐसा करने से वास्तव में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ में सही न्याय होगा।और समय के साथ पैसों की बचत भी होगी। ,,,प्रस्ताव अच्छा लगे तो आगे शेयर जरूर करे। ,,
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलामजी की पुण्य-तिथि के अवसर पर उनके यशस्वी कृतित्व, उनकी स्मृति को शत शत वंदन
एक महान वैज्ञानिक और मानवतावादी जन-नायक के रूप में उन्होंने राष्ट्र के समक्ष उत्कृष्टता के अनुकरणीय मानदंड स्थापित किए।
जय हिंद जय भारत!
Friday, 8 May 2020
अच्छे विचार कोविड-19
आज पूरा विश्व कोरोना वायरस की वजह से लाकड़ौन में है।
देश के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं।
मजदूर था वह मजबूर हो....रोजगार उससे दूर हो गया।
मै बेरोजगारी को बढ़ाते हुऐ। एक छोटा सा उपाय दे रहा हु ....
21 हजार रूपये प्रति माह और 8 घंटे ड्यूटी कर के नगर सैनिक अपनी सेवा दे रहे है.
और पुलिस वाले 19500 रूपये प्रति माह से 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे है।
और अभी भी अपने प्रदेश में पुलिस बल की कमी है।
तो सरकार से मेरा अनुरोध है।निवेदन। है ।कि क्यों न प्रदेश के बेरोजगार। सेवा देने के इच्छुक उम्मीदवार।पुलिस भर्ती मिलिट्री भर्ती की तैयारी करने वाली युवा बेरोजगार को नगर सैनिक में भर्ती करा कर 5 या 6 हजार रूपये प्रति माह दे कर । 8 घंटे अपनी सेवा अपने जिले में दे अस्थाई तोर पर कराई जाए। उनको नगर सैनिक की प्रशिक्षण भी दिया जाये।और प्रदेश को बल की कमी भी नही होगी और कानून व्यवस्था भी सही चलेगी और प्रदेश सरकार पर कोई भार भी नही आएगा।.....एक छोटी सी उम्मीद बडा सहारा बन संकती है।
यह हमारे देश के सच्चे देशभक्ति,युवा बेरोजगार।को फार्म भरने का मौका दिया जाए।
सुनिल राठोड.
बुराहनपुर.बोदरली
झूठ भी बोला जाता है
और सच भी छुपाया जाता है
जिंदगी जीने के लिए यहां
हर रास्ता अपनाया जाता है
एक बाेतल शराब के लिए,
कतार मे जिंदगी लेकर खडा हाे गया,
माैत का डर ताे वहम था,
आज नशा जिंदगी से बडा हाे गया 🍻
अगर शराब की दुकान खोलने से कोरोना फैलता है तो हम सरकार को कभी माफ नहीं करेगे
क्योंकि हम अच्छे नागरिक की तरह 2 महीने से लॉक डाउन का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे।
एक छोटी सी गलती पूरे लॉकडाउन को बिगाड़ सकती है
मजदूर था वह मजबूर हो
रोजगार उससे दूर हो गया।
सरहदें तो लगी थी अमीरो ने ईसमे
गरीब का क्या कसूर हो गया?
*"परिवार हो या संगठन"*
*सफलता का राज....*
*एक दूसरे के 'विचारों'*
*को सुनना*
*और.......*
*सम्मान देना हैं...!!*
Be careful stay safe stay alert stay home.
देश के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं।
मजदूर था वह मजबूर हो....रोजगार उससे दूर हो गया।
मै बेरोजगारी को बढ़ाते हुऐ। एक छोटा सा उपाय दे रहा हु ....
21 हजार रूपये प्रति माह और 8 घंटे ड्यूटी कर के नगर सैनिक अपनी सेवा दे रहे है.
और पुलिस वाले 19500 रूपये प्रति माह से 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे है।
और अभी भी अपने प्रदेश में पुलिस बल की कमी है।
तो सरकार से मेरा अनुरोध है।निवेदन। है ।कि क्यों न प्रदेश के बेरोजगार। सेवा देने के इच्छुक उम्मीदवार।पुलिस भर्ती मिलिट्री भर्ती की तैयारी करने वाली युवा बेरोजगार को नगर सैनिक में भर्ती करा कर 5 या 6 हजार रूपये प्रति माह दे कर । 8 घंटे अपनी सेवा अपने जिले में दे अस्थाई तोर पर कराई जाए। उनको नगर सैनिक की प्रशिक्षण भी दिया जाये।और प्रदेश को बल की कमी भी नही होगी और कानून व्यवस्था भी सही चलेगी और प्रदेश सरकार पर कोई भार भी नही आएगा।.....एक छोटी सी उम्मीद बडा सहारा बन संकती है।
यह हमारे देश के सच्चे देशभक्ति,युवा बेरोजगार।को फार्म भरने का मौका दिया जाए।
सुनिल राठोड.
बुराहनपुर.बोदरली
झूठ भी बोला जाता है
और सच भी छुपाया जाता है
जिंदगी जीने के लिए यहां
हर रास्ता अपनाया जाता है
एक बाेतल शराब के लिए,
कतार मे जिंदगी लेकर खडा हाे गया,
माैत का डर ताे वहम था,
आज नशा जिंदगी से बडा हाे गया 🍻
अगर शराब की दुकान खोलने से कोरोना फैलता है तो हम सरकार को कभी माफ नहीं करेगे
क्योंकि हम अच्छे नागरिक की तरह 2 महीने से लॉक डाउन का पूरी ईमानदारी से पालन कर रहे।
एक छोटी सी गलती पूरे लॉकडाउन को बिगाड़ सकती है
मजदूर था वह मजबूर हो
रोजगार उससे दूर हो गया।
सरहदें तो लगी थी अमीरो ने ईसमे
गरीब का क्या कसूर हो गया?
*"परिवार हो या संगठन"*
*सफलता का राज....*
*एक दूसरे के 'विचारों'*
*को सुनना*
*और.......*
*सम्मान देना हैं...!!*
Be careful stay safe stay alert stay home.
Tuesday, 5 May 2020
कविता कोविड-19
मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,
लटका विद्यालय पर ताला !
सरकारों को खूब भा रही ,
धन बरसाती मधुशाला !! 😐
डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,
लाकडाउन को धो डाला !
भक्तों के व्याकुल हृदयों पर
रस बरसाती मधुशाला ।।😐
बन्द रहेंगे मंदिर मस्ज़िद ,
खुली रहेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है ,
सोच रहा ऊपरवाला।।😐
नशा मुक्त हो जाता भारत
तो कैसे चलती मधुशाला
व्यवसाय रुका है उन गरीबों का,
जो नोट की जपते थे माला।।😐
नहीं मिल रहा राशन पानी,
मगर मिलेगी मधुशाला।
भाड़ में जाए जनता बेचारी,
दर्द में है पीने वाला।।😐
आपत्ति नहीं जताओ कोई,
खुलने दो ये मधुशाला।
कोराना मुक्त होगा भारत,
जब ठेके पर चलेंगे त्रिशूल और भाला।।😐
मेरी विनती है तुम सब से,
गर जाए कोई मधुशाला।
वापिस ना आने दो उसको,
तुम बंद करो घर का ताला।।😐
दुनिया है बरबाद,
और इन्हे चाहिए मधुशाला।
घर में ही रह लो पागल लोगो,
ना बचा पाएगा वो रखवाला।।😐
मंदिर मस्जिद बंद पड़े हैं,
मगर खुलेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है,
सोच रहा ऊपर वाला।।😐
Taken from whatsapp
लटका विद्यालय पर ताला !
सरकारों को खूब भा रही ,
धन बरसाती मधुशाला !! 😐
डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,
लाकडाउन को धो डाला !
भक्तों के व्याकुल हृदयों पर
रस बरसाती मधुशाला ।।😐
बन्द रहेंगे मंदिर मस्ज़िद ,
खुली रहेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है ,
सोच रहा ऊपरवाला।।😐
नशा मुक्त हो जाता भारत
तो कैसे चलती मधुशाला
व्यवसाय रुका है उन गरीबों का,
जो नोट की जपते थे माला।।😐
नहीं मिल रहा राशन पानी,
मगर मिलेगी मधुशाला।
भाड़ में जाए जनता बेचारी,
दर्द में है पीने वाला।।😐
आपत्ति नहीं जताओ कोई,
खुलने दो ये मधुशाला।
कोराना मुक्त होगा भारत,
जब ठेके पर चलेंगे त्रिशूल और भाला।।😐
मेरी विनती है तुम सब से,
गर जाए कोई मधुशाला।
वापिस ना आने दो उसको,
तुम बंद करो घर का ताला।।😐
दुनिया है बरबाद,
और इन्हे चाहिए मधुशाला।
घर में ही रह लो पागल लोगो,
ना बचा पाएगा वो रखवाला।।😐
मंदिर मस्जिद बंद पड़े हैं,
मगर खुलेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है,
सोच रहा ऊपर वाला।।😐
Taken from whatsapp
Monday, 4 May 2020
मैंने एक फूल से कहा...क़विता (Taken from whatsapp)
*मैंने एक फूल से कहा*:...
कल तुम मुरझा जाओगे:..!*फिर क्यों मुस्कुराते हो* ..?
व्यर्थ में यह ताजगी ...
*किस लिए लुटाते हो* ..??
फूल चुप रहा...!!
*इतने में एक तितली आई* ..!
पल भर आनंद लिया ..!
*उड गई* ..!!
एक भौंरा आया..!
*गान सुनाया* ..!
सुगंध बटोरी..!
*और आगे बढ गया* ..!!
एक मधुमक्खी आई..!
*पल भर भिन भिनाई* ..!
पराग समेटा ..! और ...
*झूमती गाती चली गई* ..!!
खेलते हुए एक बालक ने ...
*स्पर्श सुख लिया* ..!
रूप-लावण्य निहारा..!
*मुस्कुराया*..! और...
खेलने लग गया..!!
*तब फूल बोला*:-----
मित्र: !
*क्षण भर को ही सही*:...
मेरे जीवन ने कितनों...
*को सुख दिया* ..!
क्या तुमने भी कभी..?
*ऐसा किया* ..???
कल की चिन्ता में ...
*आज के आनंद में* ...
विराम क्यो करूँ..?
*माटी ने जो* ...
रूप; रंग; रस; गंध दिए ..!
*उसे बदनाम क्यो करूँ*..?
मैं हँसता हूँ..! क्योंकि...
*हँसना मुझे आता हैं* ..!
मैं खिलता हूँ..! क्योंकि ...
*खिलना मुझे सुहाता हैं* ..!
मैं मुरझा गया तो क्या ..?
*कल फिर एक* ...
नया फूल खिलेगा ..!
*न कभी मुस्कान* रुकी हैं .. _नही सुगंध_ ...!!
*जीवन तो एक* सिलसिला है ..!
*इसी तरह चलेगा* :!!
जो आपको मिला है ...
*उस में खुश रहिये* ..!
और प्रभु का ...
*शुक्रिया कीजिए* ..!
क्योंकि आप जो ...
*जीवन जी रहे हैं* ...
वो जीवन कई लोगों ने ...
*देखा तक नहीं है*..!
खुश रहिये ..!
*मुस्कुराते रहिये* ..!
और अपनों को भी ...
*खुश रखिए* ..!
व्हाट्सएप से लिया।
Taken from whatsapp
Saturday, 25 April 2020
Ashutosh Rana ji ki Best kavita
हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूँ,
सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ ।
सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में
आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में,
खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही,
सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही ।
रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो,
पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो।
बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे,
और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।।
अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर,
जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर,
खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा,
और रक्त बीज का रक्त चाटने, वाली जागे चामुंडा ।
नर मुंडो की माला वाला, जगे कपाली कैलाशी,
रण की चंडी घर घर नाचे, मौत कहे प्यासी प्यासी,
रावण का वध स्वयं करूँगा, कहने वाला राम जगे,
और कौरव शेष न एक बचेगा, कहने वाला श्याम जगे ।।
परशुराम का परशु जगे, रघुनन्दन का बाण जगे ,
यदुनंदन का चक्र जगे, अर्जुन का धनुष महान जगे,
चोटी वाला चाणक्य जगे, पौरुष का पुरष महान जगे
और सेल्यूकस को कसने वाला, चन्द्रगुप्त बलवान जगे ।
हठी हमीर जगे जिसने, झुकना कभी नहीं जाना,
जगे पद्मिनी का जौहर, जागे केसरिया बाना,
देशभक्ति का जीवित झण्डा, आजादी का दीवाना,
और वह प्रताप का सिंह जगे, वो हल्दी घाटी का राणा ।।
दक्खिन वाला जगे शिवाजी, खून शाहजी का ताजा,
मरने की हठ ठाना करते, विकट मराठो के राजा,
छत्रसाल बुंदेला जागे, पंजाबी कृपाण जगे,
दो दिन जिया शेर के माफिक, वो टीपू सुल्तान जगे ।
कनवाहे का जगे मोर्चा, जगे झाँसी की रानी,
अहमदशाह जगे लखनऊ का, जगे कुंवर सिंह बलिदानी,
कलवाहे का जगे मोर्चा, पानीपत मैदान जगे,
जगे भगत सिंह की फांसी, राजगुरु के प्राण जगे ।।
जिसकी छोटी सी लकुटी से (बापू ), संगीने भी हार गयी,
हिटलर को जीता वे फौजेे, सात समुन्दर पार गयी,
मानवता का प्राण जगे, और भारत का अभिमान जगे,
उस लकुटि और लंगोटी वाले, बापू का बलिदान जगे।
आजादी की दुल्हन को जो, सबसे पहले चूम गया,
स्वयं कफ़न की गाँठ बाँधकर, सातों भावर घूम गया,
उस सुभाष की शान जगे, उस सुभाष की आन जगे,
ये भारत देश महान जगे, ये भारत की संतान जगे ।।
क्या कहते हो मेरे भारत से चीनी टकराएंगे ?
अरे चीनी को तो हम पानी में घोल घोल पी जाएंगे,
वह बर्बर था वह अशुद्ध था, हमने उनको शुद्ध किया,
हमने उनको बुद्ध दिया था, उसने हमको युद्ध दिया ।
आज बँधा है कफ़न शीष पर, जिसको आना है आ जाओ,
चाओ-माओ चीनी-मीनी, जिसमें दम हो टकराओ
जिसके रण से बनता है, रण का केसरिया बाना,
ओ कश्मीर हड़पने वाले, कान खोल सुनते जाना ।।
रण के खेतो में जब छायेगा, अमर मृत्यु का सन्नाटा,
लाशो की जब रोटी होंगी, और बारूदों का आटा,
सन सन करते वीर चलेंगे, जो बामी से फन वाला,
फिर चाहे रावलपिंडी वाले हो, या हो पेकिंग वाला ।
जो हमसे टकराएगा, वो चूर चूर हो जायेगा,
इस मिटटी को छूने वाला, मिटटी में मिल जायेगा,
मैं घर घर में इन्कलाब की, आग लगाने आया हूँ,
हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूं ।। - 2
सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ ।
सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में
आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में,
खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही,
सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही ।
रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो,
पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो।
बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे,
और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।।
अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर,
जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर,
खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा,
और रक्त बीज का रक्त चाटने, वाली जागे चामुंडा ।
नर मुंडो की माला वाला, जगे कपाली कैलाशी,
रण की चंडी घर घर नाचे, मौत कहे प्यासी प्यासी,
रावण का वध स्वयं करूँगा, कहने वाला राम जगे,
और कौरव शेष न एक बचेगा, कहने वाला श्याम जगे ।।
परशुराम का परशु जगे, रघुनन्दन का बाण जगे ,
यदुनंदन का चक्र जगे, अर्जुन का धनुष महान जगे,
चोटी वाला चाणक्य जगे, पौरुष का पुरष महान जगे
और सेल्यूकस को कसने वाला, चन्द्रगुप्त बलवान जगे ।
हठी हमीर जगे जिसने, झुकना कभी नहीं जाना,
जगे पद्मिनी का जौहर, जागे केसरिया बाना,
देशभक्ति का जीवित झण्डा, आजादी का दीवाना,
और वह प्रताप का सिंह जगे, वो हल्दी घाटी का राणा ।।
दक्खिन वाला जगे शिवाजी, खून शाहजी का ताजा,
मरने की हठ ठाना करते, विकट मराठो के राजा,
छत्रसाल बुंदेला जागे, पंजाबी कृपाण जगे,
दो दिन जिया शेर के माफिक, वो टीपू सुल्तान जगे ।
कनवाहे का जगे मोर्चा, जगे झाँसी की रानी,
अहमदशाह जगे लखनऊ का, जगे कुंवर सिंह बलिदानी,
कलवाहे का जगे मोर्चा, पानीपत मैदान जगे,
जगे भगत सिंह की फांसी, राजगुरु के प्राण जगे ।।
जिसकी छोटी सी लकुटी से (बापू ), संगीने भी हार गयी,
हिटलर को जीता वे फौजेे, सात समुन्दर पार गयी,
मानवता का प्राण जगे, और भारत का अभिमान जगे,
उस लकुटि और लंगोटी वाले, बापू का बलिदान जगे।
आजादी की दुल्हन को जो, सबसे पहले चूम गया,
स्वयं कफ़न की गाँठ बाँधकर, सातों भावर घूम गया,
उस सुभाष की शान जगे, उस सुभाष की आन जगे,
ये भारत देश महान जगे, ये भारत की संतान जगे ।।
क्या कहते हो मेरे भारत से चीनी टकराएंगे ?
अरे चीनी को तो हम पानी में घोल घोल पी जाएंगे,
वह बर्बर था वह अशुद्ध था, हमने उनको शुद्ध किया,
हमने उनको बुद्ध दिया था, उसने हमको युद्ध दिया ।
आज बँधा है कफ़न शीष पर, जिसको आना है आ जाओ,
चाओ-माओ चीनी-मीनी, जिसमें दम हो टकराओ
जिसके रण से बनता है, रण का केसरिया बाना,
ओ कश्मीर हड़पने वाले, कान खोल सुनते जाना ।।
रण के खेतो में जब छायेगा, अमर मृत्यु का सन्नाटा,
लाशो की जब रोटी होंगी, और बारूदों का आटा,
सन सन करते वीर चलेंगे, जो बामी से फन वाला,
फिर चाहे रावलपिंडी वाले हो, या हो पेकिंग वाला ।
जो हमसे टकराएगा, वो चूर चूर हो जायेगा,
इस मिटटी को छूने वाला, मिटटी में मिल जायेगा,
मैं घर घर में इन्कलाब की, आग लगाने आया हूँ,
हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूं ।। - 2
बांट दिया इस धरती को , क्या चांद सितारों का होगा ....
नदियों के कुछ नाम रखे ..
बहती धारो का क्या होगा ..
शिव की गंगा भी पानी है ,
आबे जम जम भी पानी है ,
मुल्ला भी पिये , पंडित भी पिये , पानी का मज़हब क्या होगा ..?
नदियों के कुछ नाम रखे ..
बहती धारो का क्या होगा ..
शिव की गंगा भी पानी है ,
आबे जम जम भी पानी है ,
मुल्ला भी पिये , पंडित भी पिये , पानी का मज़हब क्या होगा ..?
इन फिरकापरस्तों से पूछो क्या सूरज अलग बनाओगे ..एक हवा में सांस है सबकी क्या हवा भी अलग बनाओगे
नस्लो का जो करे जो बटवारा रहवर वो कॉम का ढोंगी है .. क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्ज़िद तोड़ी है ...
A.Rana
Wednesday, 22 April 2020
Friday, 17 April 2020
मुझे मेरे हिन्दू होने पर नाज है , तुझे तेरे मुस्लिम होने पर नाज है
मुझे मेरे हिन्दू होने पर नाज है
तुझे तेरे मुस्लिम होने पर नाज है
लेकिन राम मेरा भी मुझसे नाराज है
और खुदा तेरा भी तुझसे नाराज है
पाप मैंने भी किए होंगे कभी
गुनाह तूने भी किए हों शायद कभी
इंसानियत को खोने की सजा
शायद मालिक हमको दे रहा है
ना राम मुझे मंदिर में बुला रहा है
ना खुदा तुझे मस्जिद में बुला रहा है
तो खता मेरी भी उतनी ही है
और गलती तेरी भी उतनी ही है
आ वक्त रहते संभल जाएं और ..
इंसानियत के धर्म को अपना ले
मैं चाहे उसे ईश्वर कह लू
तू उसे अल्लाह कह ले
है तो सब एक ही
हिंदू मुस्लिम को छोड़कर
चलो हम सब मिलकर
एक बने और नेक बने
सिर्फ भारतीय प्रत्येक बने
अब तू अपने खुदा को खुश कर
मैँ अपने प्रभु राम को मनाऊं
इस संकट से मुक्त करो हे ईश्वर -अल्लाह
अवसर दे , मैँ फिर से इंसान बन जाऊं ।
तुझे तेरे मुस्लिम होने पर नाज है
लेकिन राम मेरा भी मुझसे नाराज है
और खुदा तेरा भी तुझसे नाराज है
पाप मैंने भी किए होंगे कभी
गुनाह तूने भी किए हों शायद कभी
इंसानियत को खोने की सजा
शायद मालिक हमको दे रहा है
ना राम मुझे मंदिर में बुला रहा है
ना खुदा तुझे मस्जिद में बुला रहा है
तो खता मेरी भी उतनी ही है
और गलती तेरी भी उतनी ही है
आ वक्त रहते संभल जाएं और ..
इंसानियत के धर्म को अपना ले
मैं चाहे उसे ईश्वर कह लू
तू उसे अल्लाह कह ले
है तो सब एक ही
हिंदू मुस्लिम को छोड़कर
चलो हम सब मिलकर
एक बने और नेक बने
सिर्फ भारतीय प्रत्येक बने
अब तू अपने खुदा को खुश कर
मैँ अपने प्रभु राम को मनाऊं
इस संकट से मुक्त करो हे ईश्वर -अल्लाह
अवसर दे , मैँ फिर से इंसान बन जाऊं ।
Saturday, 11 April 2020
My First Song.
तुम्हें देखे..... बिना जाने.....तेरी तस्वीर बनादी है।2
तुम्हें चाहे..... बिना चाहे..... तेरी सूरत बना दी है।
तू कितनी खूबसूरत है....तेरी धड़कन सुनाती है।
तू कितनी मशरूम में है....तेरी मासूमियत बताती है।
तुम्हें देखे..... बिना जाने.....तेरी तस्वीर बनादी है।2
तुम्हें चाहे..... बिना चाहे..... तेरी सूरत बना दी है।
तुझ पर रहमत खुदा की......तू नूर है जन्नत की
तुझ पर नजर है जमाने की ....तु कली है कमल की
तुम्हें देखे..... बिना जाने.....तेरी तस्वीर बनादी है।2
तुम्हें चाहे..... बिना चाहे..... तेरी सूरत बना दी है।
तू कितनी चंचल है .....तेरी सादगी बताती है।
तू समंदर है....किनारा हूं मै.. ..........
तू नूर है... नुमाइश है तेरी.......
तू हुस्न है.. नजाकत है तेरी.....
तू रोनक है.. जमाने कि.....
तू जमाने की चाहत है मेरी.......
तू जमीलु जिद्दन...हल अंता मुता अंकिद..
(आप बहुत खूबसूरत हो क्या आपको यकीन है)
चाहता हूं तुझे.... तेरा सहारा हूं मैं.........
तू.नजाकत है...तेरा दीवाना हूं मैं।...
तुम्हें देखे..... बिना जाने.....तेरी तस्वीर बनादी है।2
तुम्हें चाहे..... बिना चाहे..... तेरी सूरत बना दी है।
लेखक : सुनिल राठोड
म्यूजिक:
गायक:
एक्टर:
Saturday, 4 April 2020
लॉकडाउन कॉन्टेस्ट स्टडी
पूरी ईमानदारी से लॉक डाउन का पालन करने वालों के लिए एक सुनहरा मौका।घर बैठे पढ़ाई के साथ में पुरस्कार भी
जितने भी बंदे प्रतियोगिता परीक्षा। की तैयारी कर रहे हैं वह खेल सकते हैं मेरे साथ में लॉकडाउन कॉन्टेस्ट स्टडी।
नियम व शर्तें।
1) शुरुआती कॉन्टेस्ट में 25 बंदे होगे। सभी बंधुओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा।जो ग्रुप में।सबसे पहले जवाब देगा उसको ₹100 का गूगल पे कर दिया जाएगा।
2)कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए आपको ₹10 का गूगल पे करके उसका स्क्रीनशॉट लेकर व्हाट्सएप करना होगा।W9993029777 पर।
3) कांटेक्ट चालू होने का समय दिनांक 5/04/2020,दिन रविवार शाम को 5:00 से 5:15 तक।
4) सभी सवाल जनरल नॉलेज के होगे।कृपया कोई भी गूगल पर सर्च करके जवाब ना भेजे। ऐसा करने से धोखा आप अपने आप को दे रहे हो मुझे नही।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क......S.N.R.9993029777
( कृपया इस लेख को इंटरनेट पर वायरल ना करें यह मेरा व्यक्तिगत एव दोस्तों के साथ परीक्षा की तैयारी के लिए है )
धन्यवाद
Sunday, 29 March 2020
👌🏽Bahut hi sundar kavita 👌🏽👌🏽संकलन लेखराम जी द्वारा
👌🏽👌🏽Bahut hi sundar kavita 👌🏽👌🏽संकलन लेखराम जी द्वारा
*कंद-मूल खाने वालों से*
मांसाहारी डरते थे।।
*पोरस जैसे शूर-वीर को*
नमन 'सिकंदर' करते थे॥
*चौदह वर्षों तक खूंखारी*
वन में जिसका धाम था।।
*मन-मन्दिर में बसने वाला*
शाकाहारी *राम* था।।
*चाहते तो खा सकते थे वो*
मांस पशु के ढेरो में।।
लेकिन उनको प्यार मिला
' *शबरी' के जूठे बेरो में*॥
*चक्र सुदर्शन धारी थे*
*गोवर्धन पर भारी थे*॥
*मुरली से वश करने वाले*
*गिरधर' शाकाहारी थे*॥
*पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम*
चोटी पर फहराया था।।
*निर्धन की कुटिया में जाकर*
जिसने मान बढाया था॥
*सपने जिसने देखे थे*
मानवता के विस्तार के।।
*नानक जैसे महा-संत थे*
वाचक शाकाहार के॥
*उठो जरा तुम पढ़ कर देखो*
गौरवमय इतिहास को।।
*आदम से आदी तक फैले*
इस नीले आकाश को॥
*दया की आँखे खोल देख लो*
पशु के करुण क्रंदन को।।
*इंसानों का जिस्म बना है*
शाकाहारी भोजन को॥
*अंग लाश के खा जाए*
क्या फ़िर भी वो इंसान है?
*पेट तुम्हारा मुर्दाघर है*
या कोई कब्रिस्तान है?
*आँखे कितना रोती हैं जब*
उंगली अपनी जलती है
*सोचो उस तड़पन की हद*
जब जिस्म पे आरी चलती है॥
*बेबसता तुम पशु की देखो*
बचने के आसार नही।।
*जीते जी तन काटा जाए*,
उस पीडा का पार नही॥
*खाने से पहले बिरयानी*,
चीख जीव की सुन लेते।।
*करुणा के वश होकर तुम भी*
गिरी गिरनार को चुन लेते॥
*शाकाहारी बनो*...!
ज्ञात हो इस कविता का जब TV पर प्रसारण हुआ था तब हज़ारो लोगो ने मांसाहार त्याग कर *शाकाहार* का आजीवन व्रत लिया था।
🙏🌷🍏🍊🍋🍉🍓🙏
*कृपया ये msg मानवता को* जीवित रखने के लिए सभी को भेजें।
*कंद-मूल खाने वालों से*
मांसाहारी डरते थे।।
*पोरस जैसे शूर-वीर को*
नमन 'सिकंदर' करते थे॥
*चौदह वर्षों तक खूंखारी*
वन में जिसका धाम था।।
*मन-मन्दिर में बसने वाला*
शाकाहारी *राम* था।।
*चाहते तो खा सकते थे वो*
मांस पशु के ढेरो में।।
लेकिन उनको प्यार मिला
' *शबरी' के जूठे बेरो में*॥
*चक्र सुदर्शन धारी थे*
*गोवर्धन पर भारी थे*॥
*मुरली से वश करने वाले*
*गिरधर' शाकाहारी थे*॥
*पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम*
चोटी पर फहराया था।।
*निर्धन की कुटिया में जाकर*
जिसने मान बढाया था॥
*सपने जिसने देखे थे*
मानवता के विस्तार के।।
*नानक जैसे महा-संत थे*
वाचक शाकाहार के॥
*उठो जरा तुम पढ़ कर देखो*
गौरवमय इतिहास को।।
*आदम से आदी तक फैले*
इस नीले आकाश को॥
*दया की आँखे खोल देख लो*
पशु के करुण क्रंदन को।।
*इंसानों का जिस्म बना है*
शाकाहारी भोजन को॥
*अंग लाश के खा जाए*
क्या फ़िर भी वो इंसान है?
*पेट तुम्हारा मुर्दाघर है*
या कोई कब्रिस्तान है?
*आँखे कितना रोती हैं जब*
उंगली अपनी जलती है
*सोचो उस तड़पन की हद*
जब जिस्म पे आरी चलती है॥
*बेबसता तुम पशु की देखो*
बचने के आसार नही।।
*जीते जी तन काटा जाए*,
उस पीडा का पार नही॥
*खाने से पहले बिरयानी*,
चीख जीव की सुन लेते।।
*करुणा के वश होकर तुम भी*
गिरी गिरनार को चुन लेते॥
*शाकाहारी बनो*...!
ज्ञात हो इस कविता का जब TV पर प्रसारण हुआ था तब हज़ारो लोगो ने मांसाहार त्याग कर *शाकाहार* का आजीवन व्रत लिया था।
🙏🌷🍏🍊🍋🍉🍓🙏
*कृपया ये msg मानवता को* जीवित रखने के लिए सभी को भेजें।
Friday, 27 March 2020
कोविड-19 को लेकर सेवा और सहयोग।
प्रिय देशवासियों।
आज भारत में कोविड-19 को लेकर जो कोहराम मचा हुआ है। इतनी भयानक स्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने देश की रक्षा केे लिए दिन-रात सेवा में लगे हैं। उन सभी।डॉक्टर,नर्स,सफाई कर्मी पुलिसकर्मी रिसर्च सेंटर,मेडिकल स्टाफ।मीडिया कर्मी और जितने भी लोग ड्यूटी पर तैनात हैं उन सभी को हमारी सहायता एवं सहयोग की जरूरत है।
* भारत में जितने भी उद्योगपति है। बॉलीवुड स्टार है स्पोर्ट्समैन .सांसद,विधायक ,मंत्री.महापौर।क्लास वन क्लास टू अधिकारी और सभी धर्मों की धार्मिक स्थान की दानपेटीया
सभी राष्ट्रीय संत।एक छोटी सी उम्मीद गायत्री परिवार,और आर.एस.एस जैसी संस्था सेभी है।यहां सभी लोग पूरी इमानदारी से अगर एक महीने की सैलरी इस आपदा की घड़ी में सहायता करते हैं।तो जरूर हमें कोरोना वायरस को हराने में सहायता मिलेगी
*और भारत में जितने भी सरकारी कर्मचारी है। उनकी
21 दिन के लॉकडाउन की सैलेरी में से 11 दिन की सैलेरी उनकी स्वेच्छा से अगर।आपदा सहायता कोष में मदद।करे। तो सभी भारतीयों को पूरे विश्व में एक मिसाल के तौर पर देखा जायेेेगा।
* हम सभी भारतीयों का फर्ज है।
प्रशासन के निर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन करें। आज के समय यही सबसे बड़ा सहयोग है अपने-अपने घरों में रहे।
उदाहरण...
महाभारत में जब अश्वत्थामा ने पांडवों के ऊपर।
महा विनाशकारी, पूरे ब्रह्मांड में एवं पूरी सृष्टि पर।
जिसका कोई तोड़ नहीं था। नारायणस्त्र छोड़ा था।
उस समय नारायणअस्त्र को शांत करने का। एक।
ही उपाय था।
अपनी-अपनी जगह पर हाथ जोड़कर पूरी ईमानदारी
से खड़े रहे...(बाकी आप लोग मुझसे ज्यादा समझदार हो)
ईश्वर ने हमें कठिन परिस्थितियों का सामना करने का मार्ग बता रखा है। अगर हम पूरी ईमानदारी से अपने अपने घरों में एक जगह रहेंगे तो जरूर हमको विजय प्राप्त होंगी।
*न्यूज़ के अनुसार
कोरोना संक्रमित -->750
मृत्यु--->16 मेरी व्यक्तिगराय सुनिल राठोड
______________________________________________
मंदिरों द्वारा कोरोना आपदा में दिया गया दान
▪श्रीतिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट --- 200 करोड़
▪साई संस्थान---51 करोड
▪माता वैष्णोदेवी मंदिर ट्रस्ट -- 7 करोड़
▪श्रीमहावीर हनुमान मंदिर, पटना -- 1 करोड़
▪श्रीखाटूश्याम जी मंदिर, राजस्थान -- 11 लाख
▪श्रीसालासर बालाजी धाम, राजस्थान -- 11 लाख
▪जीणमाता मंदिर, राजस्थान- 5 लाख
और भी अनेकों मंदिरों द्वारा दान दिया जा रहा है।
इनके अलावा हिंदू सेलेब्रिटि और व्यापारियों द्वारा
▪ अक्षय कुमार ---- 25 करोड़
▪ अजय देवगन ----- 15 करोड़
▪ अनिल अग्रवाल- 200 करोङ
▪ आनंद महिंद्रा ----- 300 करोड़
▪ मुकेश अंबानी ---- 500 करोड़
* रतन टाटा --------1500 करोड इनके अलावा
* बाबा रामदेव-----25 करोड
* विराट कोहली ------03 करोड
* सानिया मिरजा--- 1.25 करोड
* नाना पाटेगर ------50 लाख
* सलमान खान----
▪मुकेश अंबानी नें 100 बैड का स्पेशल Covid19 Dedicated अस्पताल बनवाया।
▪आनंद महिंद्रा नें वेंटिलेटर बनाना शुरु किया - सरकार को लागत से 50% कीमत पर (50% कीमत खुद वहन करेंगे) देंगें ।
-------------------------------------------------------------------------
क्या आप जानते हैं ...देश मे
545 साँसद,
245 राज्यसभा सांसद
4120 विधायक
है।
कुल मिलाकर 4910 जनप्रतिनिधि है वर्तमान में
अगर यह सारे जनप्रतिनिधि मिलकर अपने व्यक्तिगत खातों मे से 5-5 लाख ₹ भारत सरकार को दे।
जो इतनी बड़ी रकम भी नही है इन जनप्रतिनिधियों के लिए..
इससे कई गुना की ज्यादा रकम तो चुनाव के 1 दिन पहले D कि पेटी बांटने में लगा देते हैं यह लोग।
तो भारत देश को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 2,455,000,000 लाख ( 2 अरब 45 करोड़ 50 लाख ) रुपये इकट्ठे हो सकते हैं।
इसलिए हमारी अपने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रार्थना है कि वो भारत देश के इन माननीय जनप्रतिनिधियों से यह अपील करें की वो अपने व्यक्तिगत खातों से 5-5 लाख रुपये देश की सेवा के लिए दान करे।
(देश के सभी पार्षद 1000 सरपंच 500 Sachiv ₹100 मुख्यमंत्री सहायता कोष में देकर अपनी मानवता का परिचय दें हमें पता है आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा) 👏
अपने अपने सांसद विधायक पार्षद के नंबर पर सेंड करो हो सकता है उनका जमीर जाग जाए।....
आज भारत में कोविड-19 को लेकर जो कोहराम मचा हुआ है। इतनी भयानक स्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने देश की रक्षा केे लिए दिन-रात सेवा में लगे हैं। उन सभी।डॉक्टर,नर्स,सफाई कर्मी पुलिसकर्मी रिसर्च सेंटर,मेडिकल स्टाफ।मीडिया कर्मी और जितने भी लोग ड्यूटी पर तैनात हैं उन सभी को हमारी सहायता एवं सहयोग की जरूरत है।
* भारत में जितने भी उद्योगपति है। बॉलीवुड स्टार है स्पोर्ट्समैन .सांसद,विधायक ,मंत्री.महापौर।क्लास वन क्लास टू अधिकारी और सभी धर्मों की धार्मिक स्थान की दानपेटीया
सभी राष्ट्रीय संत।एक छोटी सी उम्मीद गायत्री परिवार,और आर.एस.एस जैसी संस्था सेभी है।यहां सभी लोग पूरी इमानदारी से अगर एक महीने की सैलरी इस आपदा की घड़ी में सहायता करते हैं।तो जरूर हमें कोरोना वायरस को हराने में सहायता मिलेगी
*और भारत में जितने भी सरकारी कर्मचारी है। उनकी
21 दिन के लॉकडाउन की सैलेरी में से 11 दिन की सैलेरी उनकी स्वेच्छा से अगर।आपदा सहायता कोष में मदद।करे। तो सभी भारतीयों को पूरे विश्व में एक मिसाल के तौर पर देखा जायेेेगा।
* हम सभी भारतीयों का फर्ज है।
प्रशासन के निर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन करें। आज के समय यही सबसे बड़ा सहयोग है अपने-अपने घरों में रहे।
उदाहरण...
महाभारत में जब अश्वत्थामा ने पांडवों के ऊपर।
महा विनाशकारी, पूरे ब्रह्मांड में एवं पूरी सृष्टि पर।
जिसका कोई तोड़ नहीं था। नारायणस्त्र छोड़ा था।
उस समय नारायणअस्त्र को शांत करने का। एक।
ही उपाय था।
अपनी-अपनी जगह पर हाथ जोड़कर पूरी ईमानदारी
से खड़े रहे...(बाकी आप लोग मुझसे ज्यादा समझदार हो)
ईश्वर ने हमें कठिन परिस्थितियों का सामना करने का मार्ग बता रखा है। अगर हम पूरी ईमानदारी से अपने अपने घरों में एक जगह रहेंगे तो जरूर हमको विजय प्राप्त होंगी।
*न्यूज़ के अनुसार
कोरोना संक्रमित -->750
मृत्यु--->16 मेरी व्यक्तिगराय सुनिल राठोड
______________________________________________
मंदिरों द्वारा कोरोना आपदा में दिया गया दान
▪श्रीतिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट --- 200 करोड़
▪साई संस्थान---51 करोड
▪माता वैष्णोदेवी मंदिर ट्रस्ट -- 7 करोड़
▪श्रीमहावीर हनुमान मंदिर, पटना -- 1 करोड़
▪श्रीखाटूश्याम जी मंदिर, राजस्थान -- 11 लाख
▪श्रीसालासर बालाजी धाम, राजस्थान -- 11 लाख
▪जीणमाता मंदिर, राजस्थान- 5 लाख
और भी अनेकों मंदिरों द्वारा दान दिया जा रहा है।
इनके अलावा हिंदू सेलेब्रिटि और व्यापारियों द्वारा
▪ अक्षय कुमार ---- 25 करोड़
▪ अजय देवगन ----- 15 करोड़
▪ अनिल अग्रवाल- 200 करोङ
▪ आनंद महिंद्रा ----- 300 करोड़
▪ मुकेश अंबानी ---- 500 करोड़
* रतन टाटा --------1500 करोड इनके अलावा
* बाबा रामदेव-----25 करोड
* विराट कोहली ------03 करोड
* सानिया मिरजा--- 1.25 करोड
* नाना पाटेगर ------50 लाख
* सलमान खान----
▪मुकेश अंबानी नें 100 बैड का स्पेशल Covid19 Dedicated अस्पताल बनवाया।
▪आनंद महिंद्रा नें वेंटिलेटर बनाना शुरु किया - सरकार को लागत से 50% कीमत पर (50% कीमत खुद वहन करेंगे) देंगें ।
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क्या आप जानते हैं ...देश मे
545 साँसद,
245 राज्यसभा सांसद
4120 विधायक
है।
कुल मिलाकर 4910 जनप्रतिनिधि है वर्तमान में
अगर यह सारे जनप्रतिनिधि मिलकर अपने व्यक्तिगत खातों मे से 5-5 लाख ₹ भारत सरकार को दे।
जो इतनी बड़ी रकम भी नही है इन जनप्रतिनिधियों के लिए..
इससे कई गुना की ज्यादा रकम तो चुनाव के 1 दिन पहले D कि पेटी बांटने में लगा देते हैं यह लोग।
तो भारत देश को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 2,455,000,000 लाख ( 2 अरब 45 करोड़ 50 लाख ) रुपये इकट्ठे हो सकते हैं।
इसलिए हमारी अपने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रार्थना है कि वो भारत देश के इन माननीय जनप्रतिनिधियों से यह अपील करें की वो अपने व्यक्तिगत खातों से 5-5 लाख रुपये देश की सेवा के लिए दान करे।
(देश के सभी पार्षद 1000 सरपंच 500 Sachiv ₹100 मुख्यमंत्री सहायता कोष में देकर अपनी मानवता का परिचय दें हमें पता है आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा) 👏
अपने अपने सांसद विधायक पार्षद के नंबर पर सेंड करो हो सकता है उनका जमीर जाग जाए।....
Thursday, 26 March 2020
देश के हित में सरकारी निर्देशों का पालन
सभी ग्रामीणों से मेरी व्यक्तिगत राय।
देश के एवं गांव के हित में मेरा छोटा सा
सुझाव।
विषय: कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु।
पिछले 2 दिन से देख रहा हूं।कि गांव वाले जनता कर्फ्यू का पालन नहीं कर रहे हैं।और कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे हैं।कुछ गांव वालों को तो कर्फ्यू का मतलब भी नहीं पता कुछ हंसी मजाक में उड़ा रहे हैं तो कुछ मनोरंजन कर रहे हैं। जैसे पुलिस गाव में आती है सभी भाग जाते हैं अपने-अपने घरों में और वापस फिर से जमा हो जाते हैं।और रोड पर बेफिजूल घूमने लगते हैं।गांव में 60% लोग अपने-अपने घरों में है लेकिन 40% लोग रोड पर घूम रहे हैं।
मेरी व्यक्तिगत राय।
1) गांव के सरपंच की निगरानी में पांच से छह स्वयंसेवक को तैनात करने
2) दूसरे पड़ोस के गांव/शहर से बेफिजूल बिना काम के व्यक्ति को गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगाने हेतु।
3)किसी भी परिवार का कोई भी सदस्य हैं जनता कर्फ्यू के वीडियो में नहीं आने पर उसके परिवार को ₹50 का भुगतान प्रतिदिन दिया जाएगा।
4) जन सेवा के लिए गांव से चंदा जमा करने हेतु।
4) गांव के दोनों छोर पर चेक पोस्ट बनाने हेतु।
5) पूरे गांव में मास्क पहनना अनिवार्य कार् दीया जाये
*जहां पूरा भारत बंद है.
और हम एक हमारे छोटे से गांव को बंद नहीं करा सकते क्या?
*देश के हित में सरकारी निर्देशों का पालन करे।
सुनिल राठोड
देश के एवं गांव के हित में मेरा छोटा सा
सुझाव।
विषय: कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु।
पिछले 2 दिन से देख रहा हूं।कि गांव वाले जनता कर्फ्यू का पालन नहीं कर रहे हैं।और कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे हैं।कुछ गांव वालों को तो कर्फ्यू का मतलब भी नहीं पता कुछ हंसी मजाक में उड़ा रहे हैं तो कुछ मनोरंजन कर रहे हैं। जैसे पुलिस गाव में आती है सभी भाग जाते हैं अपने-अपने घरों में और वापस फिर से जमा हो जाते हैं।और रोड पर बेफिजूल घूमने लगते हैं।गांव में 60% लोग अपने-अपने घरों में है लेकिन 40% लोग रोड पर घूम रहे हैं।
मेरी व्यक्तिगत राय।
1) गांव के सरपंच की निगरानी में पांच से छह स्वयंसेवक को तैनात करने
2) दूसरे पड़ोस के गांव/शहर से बेफिजूल बिना काम के व्यक्ति को गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगाने हेतु।
3)किसी भी परिवार का कोई भी सदस्य हैं जनता कर्फ्यू के वीडियो में नहीं आने पर उसके परिवार को ₹50 का भुगतान प्रतिदिन दिया जाएगा।
4) जन सेवा के लिए गांव से चंदा जमा करने हेतु।
4) गांव के दोनों छोर पर चेक पोस्ट बनाने हेतु।
5) पूरे गांव में मास्क पहनना अनिवार्य कार् दीया जाये
*जहां पूरा भारत बंद है.
और हम एक हमारे छोटे से गांव को बंद नहीं करा सकते क्या?
*देश के हित में सरकारी निर्देशों का पालन करे।
सुनिल राठोड
Thursday, 19 March 2020
जनता कर्फ्यू के मायने समझे covid-19.(22.03.20)sunday
*24 घण्टे के जनता कर्फ्यू ये होगा..?*
एक स्थान पर कोरोना वायरस का जीवनकाल 12 से 14 घंटे है और जनता कर्फ्यू सुबह 7 से रात 9 बजे यानी 14 घंटे के लिए होगा, रात में यू भी कोई बाहर नही निकलेगा लिहाज़ा करीब 24 घंटे तक कोई इंसानी शरीर इसके संपर्क में नही आएगा तो कोरोना वाइरस का फ्लो ब्रेक हो सकेगा। सार्वजनिक क्षेत्रों के स्थान जहां कोरोना फैल सकता था, उन स्थानों पर कोई नही होगा, जिससे कोरोना की श्रृंखला टूट जाएगी।
24 घंटे के बाद हमें जो मिलेगा वह एक सुरक्षित देश होगा। तो इस जनता कर्फ्यू के पीछे का आइडिया शानदार है। यह एक मॉकड्रिल के समान होगा, यदि आने वाले समय में अधिक समय तक जनता कर्फ्यू की आवश्यकता भी होगी तो भी हम सभी इसके लिए तैयार रहेंगे!! अभी हमारे देश मे कोरोना के सस्पेक्ट्स की संख्या कम भी हुई तब भी इसे फैलने से रोकना और इस प्रक्रिया में अपने आप पर कर्फ्यू लगाना बेहद जरूरी है। चाइना से 21 जनवरी से शुरू हुए इस वायरस के देश विदेश फैलने के ग्राफ पर नजर डाले तो समझ आएगा कि आज जो इटली कोरोना के चपेट में आने वाला दूसरा बड़ा देश है, जो 21 जनवरी के पहले कोरोना के बढ़ते ग्राफ में सबसे नीचे था, खास बात इटली कोरोना की सूची में भारत से भी निचले पायदान पर था। इटली के लोगों ने इसे हल्के ढंग से लिया और स्थिति विकराल बनती चली गई। समय रहते इटली में जनता कर्फ़्यू जैसा ब्रेक डाउन हो जाता तो वो दुनिया का दूसरा बड़ा प्रभावित देश नही बनता। चाइना और इटली में मुसीबत बढ़ने के बाद ब्रेक डाउन किया गया जिससे हालात काबू में लाये जा रहे है। ये स्थिति भारत मे न बने इसलिए 24 घण्टे के इस जनता कर्फ्यू को पूरा सहयोग देना हमारा कर्तव्य बनता है। जनता कर्फ्यू के मायने समझने
जय हिंद। वन्देमातरम्।। 🙏
एक स्थान पर कोरोना वायरस का जीवनकाल 12 से 14 घंटे है और जनता कर्फ्यू सुबह 7 से रात 9 बजे यानी 14 घंटे के लिए होगा, रात में यू भी कोई बाहर नही निकलेगा लिहाज़ा करीब 24 घंटे तक कोई इंसानी शरीर इसके संपर्क में नही आएगा तो कोरोना वाइरस का फ्लो ब्रेक हो सकेगा। सार्वजनिक क्षेत्रों के स्थान जहां कोरोना फैल सकता था, उन स्थानों पर कोई नही होगा, जिससे कोरोना की श्रृंखला टूट जाएगी।
24 घंटे के बाद हमें जो मिलेगा वह एक सुरक्षित देश होगा। तो इस जनता कर्फ्यू के पीछे का आइडिया शानदार है। यह एक मॉकड्रिल के समान होगा, यदि आने वाले समय में अधिक समय तक जनता कर्फ्यू की आवश्यकता भी होगी तो भी हम सभी इसके लिए तैयार रहेंगे!! अभी हमारे देश मे कोरोना के सस्पेक्ट्स की संख्या कम भी हुई तब भी इसे फैलने से रोकना और इस प्रक्रिया में अपने आप पर कर्फ्यू लगाना बेहद जरूरी है। चाइना से 21 जनवरी से शुरू हुए इस वायरस के देश विदेश फैलने के ग्राफ पर नजर डाले तो समझ आएगा कि आज जो इटली कोरोना के चपेट में आने वाला दूसरा बड़ा देश है, जो 21 जनवरी के पहले कोरोना के बढ़ते ग्राफ में सबसे नीचे था, खास बात इटली कोरोना की सूची में भारत से भी निचले पायदान पर था। इटली के लोगों ने इसे हल्के ढंग से लिया और स्थिति विकराल बनती चली गई। समय रहते इटली में जनता कर्फ़्यू जैसा ब्रेक डाउन हो जाता तो वो दुनिया का दूसरा बड़ा प्रभावित देश नही बनता। चाइना और इटली में मुसीबत बढ़ने के बाद ब्रेक डाउन किया गया जिससे हालात काबू में लाये जा रहे है। ये स्थिति भारत मे न बने इसलिए 24 घण्टे के इस जनता कर्फ्यू को पूरा सहयोग देना हमारा कर्तव्य बनता है। जनता कर्फ्यू के मायने समझने
जय हिंद। वन्देमातरम्।। 🙏
कोरोना वायरस को लेकर भारतियो की सोच।
अभी BBC News पर विश्लेषण देख रहा था, इसमें ये बताया गया कि चीन में हज़ारों शवों को, उनके परिवारों से पूछे बिना कहाँ दफनाया गया, ये केवल सरकार जानती हैं, इटली में किसी भी शव को कोई कंधा देने नहीं आ रहा। वे इंसान जब जिंदा थे तो अकेले हो गये थे और मरे तो लावारिस।चलो कोरोना ने इंसान का असली रूप दिखा दिया।
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें।
..............................
सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें।
..........................
जिंदा रहे तो सब करेंगे आगे।
आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके।
..............................
क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे।
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
..
क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है।
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें।
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक
इसी बीच एक विद्वान यूनियन का प्रेरक लेख पढ़ने को मिला जिसमें भारतीयों के सोशल मीडिया के द्वारा किये जा रहे उपयोग को हास्यास्पद बताया है।
उन्होंने लिखा कि जिंदा रहना है तो सीरियस हो जाओ वरना आने वाले दो सप्ताह की कल्पना मुश्किल होगी
देश-दुनियां में कोई मुसीबत भारत के लोगों के मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है। पूरी दुनियां में कोहराम मचाए कोविड 19 का जितना मजाक भारत में बन रहा उसका आधा मजाक भी पूरी दुनियां के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं क्योंकि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का ना सिर्फ अंदाजा हुआ बल्कि उसे भुगता भी है। भारत में अभी सिर्फ तीन लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं। कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी। जिन देशोें में ये तीसरे चरण में पहुंचा उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसकी मजाक बनाने में वक्त बीतता है। मेरे एक मित्र ने कल मुझसे हाथ मिलाने की कोशिश की। मैंने हाथ जोड़ दिए तो उन्होंने मेरा मजाक बनाने के लिए वे दूसरे व्यक्ति के गले मिल लिए। बोले, देखें मुझे कैसे होता है कोराेना ? उनके इस अंदाज ने मुझे भारत में कोरोना के वायरस के तीसरे स्टेज की कल्पना का भयावह दृश्य सामने ला दिया। वजह ये है कि विदेश में सरकार किसी पार्टी की हो लेकिन वो अपनी सरकार के प्रत्येक आदेश का गंभीरता से पालन करते हैं और जो पालन नहीं करते उनके साथ वहां की सेना पालन करवाना जानती है। हमारे देश में हम जाति, धर्म, राज्य, राजनीतिक पार्टी और सेखी बघारने के लिए नियमों को तोड़ने में आनंदित होते हैं। मैं जानता हूं कि भारत सरकार, सभी राज्यों की सरकारें, स्वास्थ्य महकमा इस अंदेशे को भांप चुकी हैं। स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, मॉल्, मंदिर सब धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं लेकिन कुछ राक्षसी मानसिकता के लोग जो इसे गंभीरता से नहीं समझना चाहते वे खुद भी मरेंगे और दूसरों को खतरे में डालेंगे। मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार जो भी कह रही उसका पालन करें। हाथ साफ करें बार बार, किसी से हाथ ना मिलाएं। एक मीटर की दूरी से बात करें, साथ में खाना ना खाएं, कुछ अंदेशा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। वरना जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां, बाप, पत्नी, बेटा, बेटी या कोई और करीबी इसकी चपेट में आया उस दिन उनकी सारी मजाक धरी रह जाएगी और फिर चुनाव के वक्त् वे सरकार को कोसोंगे कि सरकार ने हमारे परिजन की जान नहीं बचाई या पर्याप्त उपचार नहीं मिला। सरकार अभी इजाज के मामले में कई देशों से आगे हैं लेकिन जिस तरह वहां की जनता से वहां की सरकारों का साथ दिया उस तरह हम भी अपनी केन्द्र और अपनी-अपनी राज्य सरकार के आदेशों का पालन करें, गंभीर हो जाएं वरना आने वाले दो सप्ताह बाद वो नजारा देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना नहीं कर पाओगे। पता नहीं कल्पना करने लायक बचोगे भी या नहीं पर अगर सरकार का साथ दिया। सही तरीके से चले। खुद पर और परिवार पर ध्यान दिया तो हमारे डाक्टरों के पास इसक पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती है उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार हो रहा है। मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें।
..............................
सलाम है डाक्टर-नर्सिंग स्टॉफ को
आज पूरे देश की शान हमारे चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ बन चुके हैं। खुद की जान खतरे में डाल कर कई घंटे और कई दिनों तक अपने घर से दूर रहकर आमजनों की जान बचाने में जुटे हैं। उनको सेल्यूट है। हम सब उन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के परिवारों को सांत्वना और भरोसा दें।
..........................
जिंदा रहे तो सब करेंगे आगे।
आग्रह है कि कुछ दिनों के लिए झुंड में न रहें, बैठें तो भी दूरी बनाकर, घरों में रहें ताकि ना आप किसी को वायरस दे सको और ना आप अपने घर में दूसरे से वायरस ला सके।
..............................
क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे तो
1. क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो।
2. क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे।
3. क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे जब सब ठीक हो जाए तब कर लेना।
4. क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे तो जब सब सामान्य हो जाए तब चले जाना।
5. क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे।
6. क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे।
7. क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे।
8. क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं, मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
..
क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है।
इसलिए मेरी विनम्र अपील, अभी वक्त है। मान जाओ। मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे पालन कर लो। वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी, अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें।
.............धन्यवाद, कुछ शब्द बुरे लगें तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।
🙏 एक संवेदनशील, जिम्मेदार और सजग नागरिक
Sunday, 15 March 2020
राठौड परिवार का फैमिली विस्तार।
राठौड परिवार का फैमिली विस्तार।
रामसिग
|
^
लुमा रामसिग घासि रामसिग
भाई
1)कनीराम लुमा। 2)मानसिंह लुमा 3)धनसिंह लुमा
भाई
1)भुरा कनीराम भीका कनीराम...2)ठाकुर मानसिग3)रसाल धनसिग
भाई
1)उखा.ना...जोहरसिंह ना.. 2)मोरसिंग ना. खेमसिंह ना.।
3)बाबू ना. बलवंत ना. गुलाब ना. दशरथ ना. रामकिशन ना
_____________________________________________
उखा भूरा राठोड
1)नारायण ना.----> 1) राजेश-----> सार्थक
2) सुनील------> पार्थ
----------------------------------------------------------------
2)अमरसिंह ना---> 1) संजय -----> 1)करण
2) बंटी
2) प्रदीप------>
_____________________________________________
3)दरबार ना.-----> 1) महिंद्र --->1) G2
2)
2) जितेंद्र
_____________________________________________
4) रमेश ना.------>
_____________________________________________
जोहरसिंह भीका राठोड़।
1) सुरेंद्र नायक।------> पीयूष राठोड +G1
2) कैलाश नायक।----> हर्ष, राठौड़ +G1
मोरसिग ठाकुर .....
1) करतासिग राठोड----> गौरव रा.+G3
2) पुनमसिग राठोड-----> G4
3) किशोर राठोड.-------> यश रा.+G1
_____________________________________________
खेमसिंह ठाकुर राठौड़
1) रविंद्र राठौर,
2) राहुल राठौर
_____________________________________________
बाबूराव रसाल राठोड
1) हरी राठोड------> 1) प्रमोद रा.
2) मनोज रा.
_____________________________________________
बलवंतसिंह रसाल राठोड
1) प्रताप सिंह------>1) दादु +G1
2) वासु
2) प्रकाश सिंह----->1) मनन
2)
_____________________________________________
गुलाबसिंह रसाल राठोड
1) करणसिंह------>1) विनोद
2) चेतन
2) चेनसिह ------->1) गोलु +G2
_____________________________________________
दसरथ रसाल राठोड
1) गोपाल------->1) भावेश+G1
2) प्रवीन-------->2) G1
_____________________________________________
रामकिशन रसाल राठोड
1) संदीप -------> 1)
2) सोनु---------> 2)
रामसिग
|
^
लुमा रामसिग घासि रामसिग
भाई
1)कनीराम लुमा। 2)मानसिंह लुमा 3)धनसिंह लुमा
भाई
1)भुरा कनीराम भीका कनीराम...2)ठाकुर मानसिग3)रसाल धनसिग
भाई
1)उखा.ना...जोहरसिंह ना.. 2)मोरसिंग ना. खेमसिंह ना.।
3)बाबू ना. बलवंत ना. गुलाब ना. दशरथ ना. रामकिशन ना
_____________________________________________
उखा भूरा राठोड
1)नारायण ना.----> 1) राजेश-----> सार्थक
2) सुनील------> पार्थ
----------------------------------------------------------------
2)अमरसिंह ना---> 1) संजय -----> 1)करण
2) बंटी
2) प्रदीप------>
_____________________________________________
3)दरबार ना.-----> 1) महिंद्र --->1) G2
2)
2) जितेंद्र
_____________________________________________
4) रमेश ना.------>
_____________________________________________
जोहरसिंह भीका राठोड़।
1) सुरेंद्र नायक।------> पीयूष राठोड +G1
2) कैलाश नायक।----> हर्ष, राठौड़ +G1
मोरसिग ठाकुर .....
1) करतासिग राठोड----> गौरव रा.+G3
2) पुनमसिग राठोड-----> G4
3) किशोर राठोड.-------> यश रा.+G1
_____________________________________________
खेमसिंह ठाकुर राठौड़
1) रविंद्र राठौर,
2) राहुल राठौर
_____________________________________________
बाबूराव रसाल राठोड
1) हरी राठोड------> 1) प्रमोद रा.
2) मनोज रा.
_____________________________________________
बलवंतसिंह रसाल राठोड
1) प्रताप सिंह------>1) दादु +G1
2) वासु
2) प्रकाश सिंह----->1) मनन
2)
_____________________________________________
गुलाबसिंह रसाल राठोड
1) करणसिंह------>1) विनोद
2) चेतन
2) चेनसिह ------->1) गोलु +G2
_____________________________________________
दसरथ रसाल राठोड
1) गोपाल------->1) भावेश+G1
2) प्रवीन-------->2) G1
_____________________________________________
रामकिशन रसाल राठोड
1) संदीप -------> 1)
2) सोनु---------> 2)
--------------------------------------------------------------------
घासी रामसिंह राठौड़।
भागू घासी रा.----> नरसिंह घासी रा.।
सीताराम भागु रा. ----> गणपत भागू रा.।
परसराम सीताराम रा.---->शंकर, सीताराम रा.
रामदास सीताराम रा,----> नत्थू सीताराम रा।
नवल परसराम रा.---->रमेश परसराम रा।G3।
राहुल नवल रा.----> संगम नवल रा.G1।
वीरेंद्र रमेश रा.G1।
गणेश शंकर रा.--->मूलचंद शंकर रा.G1।
भोला गणेश रा.---->पवन गणेश रा.G3।
सचिन मूलचंद रा.---> गोपाल मूलचंद रा.G1।
दरबार रामदास रा.--->राजेश रामदास रा G1।
दीपक दरबार रा.--->प्रमोद दरबार रा.G1।
अनिकेत राजेश रा---> गजराज राजेश रा।
प्रह्लाद नत्थू रा.--->विजय नत्थू रा।
__________________________________
पूरा नरसिंह रा.
गोकुल पुरा रा. ------>गुरमुख पूरा रा.
बाबूराव पूरा रा.---->.सदाशिव पूरा रा।
मनोहर गोकुल रा.--->थानसिंह, गोकुल रा
सकरू.गोकुल रा.।
रविंद्र मनोहर रा.--->प्रवीण मनोहर रा.
नितिन, मनोहर रा।
श्रीराम थानसिंह रा.--->पूनम थानसिंह
पदम थानसिंह रा.।
चेतन श्रीराम रा.--->शरद श्रीराम रा.G2।
सत्यम पूनम रा.---> ऋषिकेश पूनम रा.
उज्जवल पदम रा.---> सुशांत पदम रा.G1
नागिन शकरू रा.---> महेंद्र शकरु रा।
रोशन नगीन रा.।भागू घासी रा.----> नरसिंह घासी रा.।
सीताराम भागु रा. ----> गणपत भागू रा.।
परसराम सीताराम रा.---->शंकर, सीताराम रा.
रामदास सीताराम रा,----> नत्थू सीताराम रा।
नवल परसराम रा.---->रमेश परसराम रा।G3।
राहुल नवल रा.----> संगम नवल रा.G1।
वीरेंद्र रमेश रा.G1।
गणेश शंकर रा.--->मूलचंद शंकर रा.G1।
भोला गणेश रा.---->पवन गणेश रा.G3।
सचिन मूलचंद रा.---> गोपाल मूलचंद रा.G1।
दरबार रामदास रा.--->राजेश रामदास रा G1।
दीपक दरबार रा.--->प्रमोद दरबार रा.G1।
अनिकेत राजेश रा---> गजराज राजेश रा।
प्रह्लाद नत्थू रा.--->विजय नत्थू रा।
__________________________________
पूरा नरसिंह रा.
गोकुल पुरा रा. ------>गुरमुख पूरा रा.
बाबूराव पूरा रा.---->.सदाशिव पूरा रा।
मनोहर गोकुल रा.--->थानसिंह, गोकुल रा
सकरू.गोकुल रा.।
रविंद्र मनोहर रा.--->प्रवीण मनोहर रा.
नितिन, मनोहर रा।
श्रीराम थानसिंह रा.--->पूनम थानसिंह
पदम थानसिंह रा.।
चेतन श्रीराम रा.--->शरद श्रीराम रा.G2।
सत्यम पूनम रा.---> ऋषिकेश पूनम रा.
उज्जवल पदम रा.---> सुशांत पदम रा.G1
नागिन शकरू रा.---> महेंद्र शकरु रा।
रोशन नगीन रा.।
Friday, 13 March 2020
Thursday, 13 February 2020
संत आनंद चैतन्य जी महाराज का प्रवचन ग्राम बोदरली।
सेवालाल महाराज जी की जयंती पर खर्च किए गए।
जमा एवं खर्चे का हिसाब किताब।
(डेबिट) जमा पैसे...₹.............(डेबिट)...खर्चा ...₹
। 16000 जनता साऊड
5001/-श्रावण सरपंच, चिल्लारा 11600 महाराज भेट
2100/-धनराज पूरा चौहान, 7000 आमीन टेंट2101/-वसंता जगराम चौहान। 5821 ब्रानपुर सुुनिल
2100/-राम सिंह पंवार सरपंच। 2000 फुल
1000/-मोहन पूरण सिंह चौहान। 5000 राजेश फोटोग्रा
1000/-अरुण काका पवार सर। 2000 गाडी भाडा
1000/-संजय नाईक।सर। 600 राजू पाणी
1000/-विजय नत्थू राठौड़। 300 नास्ता गबु
1000/-अनिल प्रह्लाद जाधव निमप। 300 पानी की कैन।
1000/-योगेश, गुलाब राठौर,चिल्लारा 200 जगदीश भाई।
1000/-राजेश फोटोग्राफर, बड़झिरी। 400 चिल्लर खर्चा
1000/-गोपाल नारायण राठोड। _______________
1000/-बाबूलाल मधुकर जाठोद। 51021 खर्चा
1000/-करण सिंह वाघा पवार
500/-जीवन प्रेम सिंह चौहान
500/-रामभरोसे हरी, राठौड़।
500/-सुनील, नारायण राठौड
500/-गब्बू गुरुदयाल, राठौड़
500/-गोपाल, दशरथ राठौड
500/-रमेश सेटू चौहान।
500/-रविंद्र खेम सिंह, राठौड़
500/-संतोष नाईक, सर
500/-रविंद्र नाईक
500/-पदम सिंह मधुकर राठौड़,
500/-धारा सरपंच इल्लारा
500/-राजू, छगन
500/-महिंद्रा हेमराज।
500/-हीरा नंदू।
500/-दीपक साहेबराव पाटील।
500/-मदन सिंह पुरा चौहान
500/-मूलचंद शंकर राठौड़
500/-योगेश पाटिल युवा मोर्चा
500/-महेंद्र, हेमराज चौहान
500/-मामराज भूरा राठौड़।
500/-राजू, नंदू राठौड़
500/-नारायण धनु, राठौड़।
500/-श्रीराम गोबरा चौहान।
500/-राजू दशरथ राठौर।
500/-अजय अमर सिंह, राठौड़।
500/-धनराज, श्रवण चौहान।
250/-सुरेश दुबा राठौड सर।
200/-हरी महाराज
200/-अंतर सिंह पवार।
200/-प्रेम सिंह गुलाब भांजे।
200/-लखन भाई पंचायत।
200/-दरबार धनु राठौड़।
200/-अंकुश चौहान,
200/-भागवत सुखा राठौड़।
200/-पदम सिंह पुरा चौहान
150/-भीम सिंह, अमर सिंह
150/-सीताराम रामा।
150/-बाबूलाल चौहान।
100/-रामसिंह अभयसिंह
100/-महाराज महाराज
100/-यशवंत कालू
100/-प्रेम सिंह भुरा।
100/-राजू पराग कचरे वाले
100/-पूनम चौहान
100/-प्रवीण भाई कृष्णा मेडिकल
100/- भोला चौहान
100/- स्वरूप पाटिल
100/-अभयसिंह उखा
100/-मंजीराम कनीराम,
100/- पांडू रामा
100/-गणेश मखराम
100/- बाऊ महाराज
100/-रामसिंह सदाशिव
100/- तुलसीराम, मोतीराम
100/-मनोज हरी
100/- हीरा मिट्ठू।
100/-सुभाष तुलसीराम।
100/-सुरेश तुलसीराम।
100/-किशोर मांगू।पवार
100/-मिथुन कालू पवार
100/-कान्हा हरदास पवार
100/-रामदास टुकडू
100/-प्रेमसिंह राठौड़,
100/-अजमल गंगाराम।
100/-रमेश तुलसीराम पवार
100/-श्रीराम धनु राठौड़।
100/-रोहिदास रामू राठौड़
100/- मधुकर तारा चौहान।
100/-हरि मधुकर जाठोद
100/- धनसिंग कनीराम जाठोद
50/-किशन महारु राठौड़
50/-करण भागा पवार (पिछला टांडा)
50/-मोजीलाल शेर सिंह।
50/-रोहिदास कालू पवार
50/-प्रकाश पवार
50/-गुमनाम रसीद नंबर 24।
50/-रामलाल मारू चौहान
50/- बाऊभाई ड्राइवर
50/-प्रेम राठौड।
50/-करण देवीदास
50/- रामलाल अमरसिंह।
50/-जयसिंह ऊखा
50/-तारा नायक
50/-हरि राठौड़
50/- जगन चौहान।
50/-राजू आसाराम
50/-गणेश महाराज
50/-हेमा गंगाराम
50/- डिगंबर, मोतीराम
50/-रतन हीरा पवार
50/- रामा, हीरा पवार
50/-राजू गणपत पवार।
50/-नगराम रसीद नंबर 83।
50/-किशोर सदाशिव। जाठोद
7172/-रामनगर का रसीद कट्टा
_____________________________________________ जमा ₹ खर्चा ₹
₹48172/- ₹51021
बाकी रकम
प्रवीण सरपंच............5000/-
तेजू राम नगर। ..... .....500/-
खेमराज,राठौड़ ..........500/-
पिंटूभाई, जाठोद..........500/-
ईश्वर मेडिकल।.......... 500/-
गोविंद रघु राठौड़ ........500/-
भीमराज कैलाश..........500/-
अनिल दशरथ राठौड़ ...500/-
रतीलाल ग्रंथि।.............500/-
मिश्रीलाल गुदा राठौड़...500/-
__________________
ईश्वर मेडिकल।.......... 500/-
गोविंद रघु राठौड़ ........500/-
भीमराज कैलाश..........500/-
अनिल दशरथ राठौड़ ...500/-
रतीलाल ग्रंथि।.............500/-
मिश्रीलाल गुदा राठौड़...500/-
__________________
9500/-बाकी
11600/-महाराज भेट
7000/- आमीन टेंट11600/-महाराज भेट
5821/- ब्रानपुर सुुनिल
2000/- फुल
5000/- राजेश फोटोग्रा
2000/- गाडी भाडा
600 /-राजू पाणी
300/- नास्ता गबु
300 /-पानी की कैन।
200/- जगदीश भाई।
400/- चिल्लर खर्चा
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51021 खर्चा
Saturday, 8 February 2020
Friday, 7 February 2020
Thursday, 30 January 2020
Tuesday, 28 January 2020
The story of my life.
सभी को प्रणाम।
सबसे पहले मैं आपको अपना परिचय देता हूँ।
मेरा पूरा नाम सुनील नारायण राठौड़ है।
मेरा जन्म 22 अप्रैल 1989 दिन बुधवार,समय 11.बजे बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव में गरीब किसान के घर बंजारा परिवार में हुआ। मैंने हिंदी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। । हिंदी विषय से मैंने बी.एड भी किया है, कंप्यूटर में डीसीए 1 वर्ष का कोर्स किया है मैंने पीजीडीटीव्स्की भी किया है। उन्होंने पुणे में टैक्सटाइल डिजाइनिंग कोर्स किया। यह एक प्रोजेक्ट मिशन है। स्कूल के दौरान मैंने बस कंडक्टर का काम किया। और मेरी लाइफ की पहली कमाई से मैंने अपनी माँ के लिए एक साड़ी खरीदी। फिर मैंने कपड़े की दुकान में काम सेल्स का काम किया। बाबा रामदेव गारमेट बुरहानपुर), मैंने सन 2006: 2011 तक, 5 साल तक "मेट" के पद पर जॉब किया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा (आरसी एंड एम) कंपनी ने भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी में अभिकर्ता के तौर पर 2018 तक एंकरिंग कार्य किया। इसके अलावा डीजे ऑपरेटर, जेसीपीआई एजेंट, प्रॉपर्टी ब्रोकर, मैंने इंदौर के कॉल सेंटर में जॉब किया है। सन 2014 में मैंने अपना एक ढाबा भी खोला, लेकिन दो साल बाद उस ढाबे में चोरी हो जाने के कारण मुझे ढाबा बंद करना पड़ा। बैंक से लोन लेकर किराना व्यवसाई का काम आपके घर पर चालू हो गया है। 2019 में सरकारी स्कूल सीतापुर में अतिथि शिक्षक के तौर पर बच्चों को 1 साल मुफ्त में पढ़ाया जाता है। मैं एक नेक और ईमानदार व्यक्ति हूँ। 14 जुलाई 2016 को पूजा नाम की लड़की से शादी हुई। मेरा एक 2 साल का बेटा है। जिसका नाम पार्थ है।.... मैं उसके भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। मैं एक अच्छे व्यापार या एक अच्छे व्यवसाय की तलाश में हूँ। मैंने अपने जीवन में कई कहानियाँ देखी हैं और कई समाचार देखे हैं। । मैं अपने बारे में कम और दूसरों के बारे में ज्यादा सोचता हूं। मैं एक दयालु व्यक्ति हूँ इसलिए मैं अपने जीवन में सफल नहीं हो सका। मैं अपनी खुद की एक कंपनी खोलना चाहता हूं। मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी जिसके लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। मैं अपना पूरा खोलकर गरीब लोगों की मदद करना चाहता हूं। मेरे पास मल्टीपल लाभ मार्केटिंग के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं। मेरे पास बहुत सारे विचार हैं। मुझे सत्य यात्रा और पीढ़ी की योजनाओं के बारे में थोड़ा ज्ञान है। लेकिन मैं एक कंपनी खोलने में असमर्थ हूं क्योंकि मेरे पास पर्याप्त पैसा नहीं है। इस समय, मुझे एक अच्छा व्यवसाय। की आवश्यकता है।और मैं उसकी तलाश में हूं।मैं अपने जीवन में बहुत बड़ा आदमी बनना चाहता हूं। मुझे एक अच्छे मंच की जरूरत है
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एक पंक्ति।
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मेरे जीवन की कहानी
बहुत शौक था मुझे सबको खुश रखने का ।
एक पंक्ति।
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मेरे जीवन की कहानी
बहुत शौक था मुझे सबको खुश रखने का ।
और शायद यही दरियादिली सोच मुझे एक दिन ले डूबेगी मुझे अपने आप पर विश्वास नहीं होता।
सभी के सभी कैसे आसान हो सकते हैं। .हो सकता है कहीं पर मैं गलत हूँ। .लेकिन कहां पर गलत हूं। यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है। किसी और की मदद करना, सभी का आधार सम्मान करना, बिना गलती की माफ़ी मांगना। बिना स्वार्थ के समाज सेवा करना। अगर यह गलत बात है तो फिर मैं गलत हूं"कभी-कभी हम गलत नहीं होते लेकिन हमारे पास वह समय और शब्द नहीं होते। जो हमें सही साबित कर सके। मैंने बचपन से लेकर जवानी तक संघर्ष किया है। मैं अपनी कहानी आपकी शब्दों में कहता हूँ। मैं अपने दुखों की सहानुभूति नहीं लेना चाहता। वन लाइनर स्क्रिप्ट में मैं आपको समझ नहीं सकता कि खुद की कहानी लिखूं भी मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। मैं एक बहुत बुरे दौर से गुजर रहा हूँ। मेरी कहानी आपका मनोरंजन तो नहीं होगा लेकिन आंख में आंसू जरूर आएगा और एक बात हमेशा याद रहेगी।
सिर्फ एक वादा अपने आपसे जिंदगी भर निभाना। जहां पर आप गलत न हों वहां पर सिर मत बहाना। जो गलती मेरी है, उसे तुम मत करो।
मैं। मैं आपके लिए अपने स्कूल जीवन से लेकर विवाहित जीवन तक की कहानी लेकर आया हूँ।
हमारी अठतो के तार जनधन योजना की तरह होते हैं। मित्र पड़ोसी मित्र। आदि
मैं। मैं आपके लिए अपने स्कूल जीवन से लेकर विवाहित जीवन तक की कहानी लेकर आया हूँ।
हमारी अठतो के तार जनधन योजना की तरह होते हैं। मित्र पड़ोसी मित्र। आदि
मैं मंदिर कभी नहीं जाता। और
भगवान को कभी नहीं दुखता।
जरूरी नहीं कि कुछ गलत करने से ही दुख मिले।
यहां हद से ज्यादा अच्छे होने की भी कीमत चुकानी पड़ती है।
बेवजह इल्जाम लगता है मैंने सुना है। इल्जाम इतनी संगीन कि खुद को खत्म करने को जी चाहता है। लेकिन उससे मैं बेगुनाह साबित नहीं हो सकता, हो सकता है। फिर मेरे दिमाग में एक ही बात आती है। इंसान को खुद की नजरों में अच्छा होना चाहिए। दूसरों की नजरों में तो भगवान भी बुरा मानते हैं या फिर झूठे लोगों को भी झूठा मानते हैं। सच को सच करने के लिए खुद का मन भी सच्चा होना नहीं जाना चाहिए और कितने गलती मुझ पर लगे हैं जो मुझे ही पता नहीं। पर आरोप लगाने वालों में दूसरों से ज्यादा अपनों का हाथ है। यह कोई नई बात नहीं है।
दुख तो इस बात का है कि हमारी नियत साफ हो और लोग फिर भी हमें बेईमान समझे। किसी के दयालु इल्जाम ने मेरी जिंदगी नरक बना रखी है। मेरी कहानी कोई 3 घंटे की फिल्म नहीं है कि मैं उन्हें बेगुनाह साबित करके बता दूं। जिंदगी में इतने बेईमान लोग मिले कि ईमानदार लोगों से भी नफरत हो गई। खैर कोई बात नहीं अब जो होगा सो देखा जाएगा। ऊपरवाला परीक्षा कब तक होती है ?
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सत्र १
बेवजह इल्जाम लगता है मैंने सुना है। इल्जाम इतनी संगीन कि खुद को खत्म करने को जी चाहता है। लेकिन उससे मैं बेगुनाह साबित नहीं हो सकता, हो सकता है। फिर मेरे दिमाग में एक ही बात आती है। इंसान को खुद की नजरों में अच्छा होना चाहिए। दूसरों की नजरों में तो भगवान भी बुरा मानते हैं या फिर झूठे लोगों को भी झूठा मानते हैं। सच को सच करने के लिए खुद का मन भी सच्चा होना नहीं जाना चाहिए और कितने गलती मुझ पर लगे हैं जो मुझे ही पता नहीं। पर आरोप लगाने वालों में दूसरों से ज्यादा अपनों का हाथ है। यह कोई नई बात नहीं है।
दुख तो इस बात का है कि हमारी नियत साफ हो और लोग फिर भी हमें बेईमान समझे। किसी के दयालु इल्जाम ने मेरी जिंदगी नरक बना रखी है। मेरी कहानी कोई 3 घंटे की फिल्म नहीं है कि मैं उन्हें बेगुनाह साबित करके बता दूं। जिंदगी में इतने बेईमान लोग मिले कि ईमानदार लोगों से भी नफरत हो गई। खैर कोई बात नहीं अब जो होगा सो देखा जाएगा। ऊपरवाला परीक्षा कब तक होती है ?
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सत्र १
मैं छोटा था, स्कूल जाने के लिए रोता था। मेरी उम्र 4 साल थी और एडमिशन 6 साल में हुआ था।
जब दादाजी ने टीचर से कहा की हाईट कम और उम्र ज्यादा है। तब टी.वी. ने मान लिया।
मेरा जन्म 22 अप्रैल 1989 को हुआ था। सर ने 1987 कर दिया।
प्राइमरी स्कूल में अपने हाथ को अपने सर के ऊपर से कान तक पुराने पर एडमिशन हुआ था। तब मैक 4 साल का था
कहानी की शुरुआत मेरे बचपन से होती है जहाँ तक मुझे याद है।
स्कूल से आने के बाद। हम लोग कभी कभार ही पढ़ाई करते थे । कुछ बच्चे के खेल कूद में लग गए । हमारे गाँव का माहौल ही कुछ ऐसा था हमारे टाइम के खेल
,,,,,, गोटी, भोरा,
पतंग, थारे-पुलिस, कबड्डी, हाथी का सूंड, छुपा-छुपी, लड़ाई, दब
-दुबली, खो-खो दिलू। दोस्तों का टायर.कुरती.हुआ करते थे। लेकिन ये सब में मेरा गेम सबसे अलग था। कागज की एंडटी पर नोट का आकार जैसा काट के। उसके चेहरे पर मुस्कान थी। 2,5 10,के नोट के आकार की गालों निर्माता अपने पास थे। मेरे घर के सामने की धागे पर कागज की लकड़ी मिट्टी का। पुल बनाकर उस पर से खिलौने की.गाड़ी और थी.न कभी कभी छुप्पा-छापी या। वायरलिंग खेलने का शौक था।
हाफ पैंट शर्ट पहनना स्कूल जाने की शुरुआत की। हमारे समय में। स्कूल बैग बसता। ऐसा नहीं हुआ था। एक थैली में पट्टी और लेखन.लेकर स्कूल जाने लगे। कभी-कभी लेखन का कोई खास महत्व नहीं होता, बल्कि वह अपने घर पर रह जाता है। इसलिए स्कूल जाने के लिए पैसे की मांग नहीं करते। चार आने वाले नन्हें मिलने पर बड़े खुश होकर स्कूल जाने लगे। आकाश तीसरी तिमाही में जाने तक हमें पढ़ा नहीं था। फिर मैं पाँचवी कक्षा में गया। जतन में 77% प्रतिशत के साथ एक नंबर से पास हुआ। जिसके लिए मुझे हमारे गांव के डॉ सतीश भंगड़े साहब ने 15 अगस्त को ₹ 21 का पुरस्कार दिया। उस ₹ 21 को मैंने कई दिन तक खर्च किया। नहीं किया। किया।
,,,,,, अगला प्रवेश मेरा छठी कक्षा में था। और हमें छठी कक्षा में जाने के लिए बहुत डर लगता था। क्योंकि वहां पर अंग्रेजी अध्ययन पढा जाता था। इंग्लिश का पहला शब्द हमने एबीसीडी छठी कक्षा में पढ़ना शुरू किया। के लिए मेरे पास बुक नहीं थी। मेरे घर की आर्थिक स्थिति खराब थी।
मेरा बड़ा भाई कक्षा सातवीं में पढ़ा था जो कि मुझसे 4 साल बड़ा था। मैं छठी पुरानी किताब पढ़ता हूँ।
कभी-कभी हमारे और बड़े भाई में झगड़ा होने पर भाई मुझे बहुत मरता था और मेरी किताब भी छीन लेती थी। और दोपहर में खाना खाने की छुट्टी में स्कूल से घर जल्दी आ कर। मेरे लिए रखा हुआ खाना भी पूरा खा जाता था। फिर मैं भूखा ही स्कूल चला जाता था। जब शाम को मां-बाप खेत से काम करके वापस आते थे तो भाई की शिकायत करता था।
माँ-बाप के दत्तने पर भाई घर के ऊपर पत्थर फेंकता था।
टंटी को लात मारता है, दरवाजा तोड़ता केवल पत्थरों की पट्टियों या आत्महत्या करने की धमकी देता है। ऐसी हरकतें करता है इसलिए माँ-बाप उससे डर जाते थे और उसे कुछ नहीं होता था। कभी-कभी मुझे भूख लगने पर मैं खिचड़ी बनाता था तो भी मुझे खाने नहीं देता था। मुझे बहुत बुरा लगा था और खुशबूदार खिचड़ी को फेंक देता था। । मैं छोटा था और कमजोर था इसलिए उसका सामना नहीं कर सका। आज भी सारी बातें याद है। मेरी माँ-बाप ने मुझे कभी हाथ नहीं लगाया। मुझे बड़ा लाड प्यार से पाला है।इसलिए वह चुरा ले गयी थी। जितना मैं उससे डरता हूँ उतना मुझे पीटता, मेरे जमा किए हुए पैसे भी चुरा लेता था। मेरे द्वारा पीने जाने पर मुझे ही पीटता था कि माँ-बाप को मत देना। कि पैसे मैंने चुप कराया है तो तू नहीं और बहुत मारेंगे। मार खाने के डर से मैं भी डरा हुआ रहता हूँ।
कक्षा आठवीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए हमें हमारे गांव से 9 किलोमीटर दूर दरियापुर गांव में जाना पड़ता है।
एक साइकिल पर दो लोग जांच करने गए थे। गाँव में सिर्फ आठवीं तक के स्कूल थे। आठवीं कक्षा पास करके के नौवीं में प्रवेश के लिए मेरे पास पाँच सौ रुपये नहीं थे।
जैसे-तैसे एडमिशन किया गया। अब तो स्कूल जाने की परेशानी और बढ़ गई। अब हमारे सामने रोज की 5 रूपए की दरकार थी।
घर से जिस दिन पैसे मिलते हैं। उसी दिन स्कूल नहीं जाते थे, तो घर पर रह जाते थे। कभी-कभी तो हम पैदल 5 रुपये बचाने के लिए पैदल स्कूल से घर आते थे। 9वीं कक्षा पास कर के दसवीं में गए।
हमारी क्लास में लड़के-लड़कियां सहित 34 बच्चे थे।
,,,,,, अगला प्रवेश मेरा छठी कक्षा में था। और हमें छठी कक्षा में जाने के लिए बहुत डर लगता था। क्योंकि वहां पर अंग्रेजी अध्ययन पढा जाता था। इंग्लिश का पहला शब्द हमने एबीसीडी छठी कक्षा में पढ़ना शुरू किया। के लिए मेरे पास बुक नहीं थी। मेरे घर की आर्थिक स्थिति खराब थी।
मेरा बड़ा भाई कक्षा सातवीं में पढ़ा था जो कि मुझसे 4 साल बड़ा था। मैं छठी पुरानी किताब पढ़ता हूँ।
कभी-कभी हमारे और बड़े भाई में झगड़ा होने पर भाई मुझे बहुत मरता था और मेरी किताब भी छीन लेती थी। और दोपहर में खाना खाने की छुट्टी में स्कूल से घर जल्दी आ कर। मेरे लिए रखा हुआ खाना भी पूरा खा जाता था। फिर मैं भूखा ही स्कूल चला जाता था। जब शाम को मां-बाप खेत से काम करके वापस आते थे तो भाई की शिकायत करता था।
माँ-बाप के दत्तने पर भाई घर के ऊपर पत्थर फेंकता था।
टंटी को लात मारता है, दरवाजा तोड़ता केवल पत्थरों की पट्टियों या आत्महत्या करने की धमकी देता है। ऐसी हरकतें करता है इसलिए माँ-बाप उससे डर जाते थे और उसे कुछ नहीं होता था। कभी-कभी मुझे भूख लगने पर मैं खिचड़ी बनाता था तो भी मुझे खाने नहीं देता था। मुझे बहुत बुरा लगा था और खुशबूदार खिचड़ी को फेंक देता था। । मैं छोटा था और कमजोर था इसलिए उसका सामना नहीं कर सका। आज भी सारी बातें याद है। मेरी माँ-बाप ने मुझे कभी हाथ नहीं लगाया। मुझे बड़ा लाड प्यार से पाला है।इसलिए वह चुरा ले गयी थी। जितना मैं उससे डरता हूँ उतना मुझे पीटता, मेरे जमा किए हुए पैसे भी चुरा लेता था। मेरे द्वारा पीने जाने पर मुझे ही पीटता था कि माँ-बाप को मत देना। कि पैसे मैंने चुप कराया है तो तू नहीं और बहुत मारेंगे। मार खाने के डर से मैं भी डरा हुआ रहता हूँ।
कक्षा आठवीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए हमें हमारे गांव से 9 किलोमीटर दूर दरियापुर गांव में जाना पड़ता है।
एक साइकिल पर दो लोग जांच करने गए थे। गाँव में सिर्फ आठवीं तक के स्कूल थे। आठवीं कक्षा पास करके के नौवीं में प्रवेश के लिए मेरे पास पाँच सौ रुपये नहीं थे।
जैसे-तैसे एडमिशन किया गया। अब तो स्कूल जाने की परेशानी और बढ़ गई। अब हमारे सामने रोज की 5 रूपए की दरकार थी।
घर से जिस दिन पैसे मिलते हैं। उसी दिन स्कूल नहीं जाते थे, तो घर पर रह जाते थे। कभी-कभी तो हम पैदल 5 रुपये बचाने के लिए पैदल स्कूल से घर आते थे। 9वीं कक्षा पास कर के दसवीं में गए।
हमारी क्लास में लड़के-लड़कियां सहित 34 बच्चे थे।
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