Search This Blog

Wednesday, 3 September 2025

नाराज़ पत्नी ने अपने अध्यापक पति

 नाराज़ पत्नी ने अपने अध्यापक पति


से कहा–आप बाहर खाना खिलाने ही


नहीं ले जाते,आज रात का खाना बाहर


करेगें..।


मास्टर साब–


ठीक है पास के होटल में चलते हैं,


पत्नी–नहीं..किसी फाइव स्टार


होटल में चलते हैं....।


मास्टर साब–(एक मिनट के लिए


मौन) ठीक है...शाम 7 बजे चलते हैं।


ठीक सात बजे पति-पत्नी


अपनी कार में घर से निकले...।


रास्ते में–


मास्टर साब बोले,जानती हो...


एक बार मैंने अपनी बहन के


साथ पानीपूरी प्रतिस्पर्धा की थी।


मैंने 30 पानी पूरी खाई


और उसे हरा दिया....।


पत्नी–क्या यह इतना मुश्किल है.??


मास्टर साब–मुझे पानी-पूरी


प्रतियोगिता में "हराना" बहुत


"मुश्किल" है।


पत्नी–मैं आसानी से


आपको हरा सकती हूँ।


मास्टर साब–रहने दो ये


तुम्हारे बस का नहीं ….!!


पत्नी–


हमसे प्रतियोगिता करने चलिये….


मास्टर साब–


तो "आप" अपने-आप को


हारा हुआ देखना चाहती हैं.!!?


पत्नी–चलिये देखते हैं…।


वे दोनों एक पानी-पूरी स्टॉल पर


रुके और खाना शुरू कर दिया….।


25 पानी पूरी के बाद मास्टर


साब ने खाना छोड़ दिया।


पत्नी का भी पेट भर गया था,


लेकिन उसने मास्टर साब को


हराने के लिए एक और खा लिया


और चिल्लाई,“तुम हार गये।”


बिल 100 रुपये आया...


मास्टर साब-


अब होटल चलें खाना खाने …


पत्नी-नहीं अब पेट में जगह


नहीं बची...वापस घर चलो।


(पति-पत्नी घर लौट गये)


और पत्नी वापस घर आते हुए...


शर्त जीतने की बात पर बेहद


खुश थी....।


कहानी से नैतिक शिक्षा....


#एक_अच्छे_अध्यापक का


मुख्य उद्देश्य #न्यूनतम_खर्च


के साथ साथ #शिकायतकर्ता


को संतुष्ट करना होता है….।।

No comments:

 हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.. लेकिन कभी पीली साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र... तो समझ जाना तुम... जब तुम रसोई में अके...