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Thursday, 13 June 2024

नॉनवेज खाने वाले जरूर पड़े

 पूरा पढ़े एक बार सोचे

🙏🙏🙏🙏🙏🙏

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है!

बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...


मौत के स्वाद का 

चटखारे लेता मनुष्य ...


थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है,

मौत से प्यार नहीं, मौत तो हमारा स्वाद है,


बकरे का, 

गाय का,

भेंस का,

ऊँट का,

सुअर,

हिरण का,

तीतर का, 

मुर्गे का, 

हलाल का, 

बिना हलाल का, 

ताजा बकरे का, 

भुना हुआ,

छोटी मछली, 

बड़ी मछली, 

हल्की आंच पर सिका हुआ। 

न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।

क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....


स्वाद से कारोबार बन गई मौत। 

मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।

नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"❗ 


स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। 


गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।


 जो हमारी तरह बोल नही सकते, 

अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं, 

उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?

 कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?

या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?


डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! 

किसी की आहें मत लेना ! 

किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए ! 


बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??

जिसे काटा गया होगा ? 

जो कराहा होगा ? 

जो तड़पा होगा ? 

जिसकी आहें निकली होंगी ? 

जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?


कैसे मान लिया कि जब जब  धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो

भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे  ..❓


क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓

क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है  ..❓

धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो।

कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो। 


कभी सोचा ...??

क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?


किसे ठग रहे हो ?

भगवान को ? 


मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!

आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!


नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!


झूठ पर झूठ...

झूठ पर झूठ

झूठ पर झूठ ..


हमारे बच्चों को अगर कोई ऐसे खाए तो हमें कैसा लगेगा ?? 


कर्म का फल मिल कर रहता है ये याद रखना ।


ईश्वर ने बुद्धि सिर्फ तुम्हे दी!

ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको!

लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को भगवान समझ लिया!


प्रकृति के साथ रहो।

प्रकृति के होकर रहो।

धर्म की आवाज़

Tuesday, 11 June 2024

अच्छा जिवन कैसे जिएं पटनर के साथ

 सेक्स (संभोग) लाइफ शुरू करने से पहले हर व्यक्ति को जान लेनी चाहिए ये 7 बातें

किसी भी व्यक्ति को सेक्स के बारे में बताया और सिखाया नहीं जाता है। वह आधे-अधूरे ज्ञान के साथ सेक्स लाइफ में आगे बढ़ता है। इससे अनहेल्दी सेक्सुअल लाइफ का जोखिम बना रहता है। इसलिए हर एडल्ट को सेक्स लाइफ शुरू करने से पहले ये 7 बातें जरूर जानना चाहिए।

अकसर सही जानकारी के अभाव में सेक्स लाइफ शुरू हो जाता है। स्कूल-कॉलेज में सेक्स एजुकेशन कभी नहीं दिया जाता है। इसलिए लोगयौन इच्छा, अंतरंगता और उत्तेजना के बारे में न सही तरीके से जान पाते हैं और न समझ पाते हैं। इंटरनेट से अर्जित किया गया आध-अधूरा ज्ञान हेल्दी सेक्स लाइफ में मदद करने की बजाय इसे अनहेल्दी बना देते हैं। सेक्स लाइफ (7 tips for sex life) शुरू करने से पहले जरूरी बातों को जानना जरूरी है।


क्यों जरूरी है सेक्स लाइफ के बारे में जानना 


होम इंटीमेट हेल्‍थ सेक्स लाइफ शुरू करने से पहले हर व्यक्ति को जान लेनी चाहिए ये 7 बातें

सेक्स लाइफ शुरू करने से पहले हर व्यक्ति को जान लेनी चाहिए ये 7 बातें

किसी भी व्यक्ति को सेक्स के बारे में बताया और सिखाया नहीं जाता है। वह आधे-अधूरे ज्ञान के साथ सेक्स लाइफ में आगे बढ़ता है। इससे अनहेल्दी सेक्सुअल लाइफ का जोखिम बना रहता है। इसलिए हर एडल्ट को सेक्स लाइफ शुरू करने से पहले ये 5 बातें जरूर जानना चाहिए।


सेक्सुअल डिजायर, लीबिडो, ऑर्गेज़्म, इजेकुलेशन, ओवुलेशन इन सभी के बारे में जानना जरूरी है। 

अकसर सही जानकारी के अभाव में सेक्स लाइफ शुरू हो जाता है। स्कूल-कॉलेज में सेक्स एजुकेशन कभी नहीं दिया जाता है। इसलिए लोगयौन इच्छा, अंतरंगता और उत्तेजना के बारे में न सही तरीके से जान पाते हैं और न समझ पाते हैं। इंटरनेट से अर्जित किया गया आध-अधूरा ज्ञान हेल्दी सेक्स लाइफ में मदद करने की बजाय इसे अनहेल्दी बना देते हैं। सेक्स लाइफ (7 tips for sex life) शुरू करने से पहले जरूरी बातों को जानना जरूरी है।


क्यों जरूरी है सेक्स लाइफ के बारे में जानना (Why is it important to know about sex life)

जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित शोध निष्कर्ष के अनुसार, हर व्यक्ति को जानना चाहिए कि वास्तव में सेक्स क्या है? यौन रूप से किसी व्यक्ति को क्या पसंद है और क्या नहीं? यौन संबंध में कैसे रहना है? सेक्सुअल डिजायर, लीबिडो, ऑर्गेज़्म, इजेकुलेशन, ओवुलेशन इन सभी के बारे में जानना जरूरी है। इन सभी को जानना जरूरी है। तभी व्यक्ति रिलेशनशिप और सेक्सुअल लाइफ में आगे बढ़ सकता है। इससे वह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के खतरे को वह जान सकता है। वह यौन जीवन में कंडोम के इस्तेमाल और संयम के महत्व को भी जान सकता है।


सेक्स लाइफ शुरू करने से पहले इन 7 बातों को जानना जरूरी है ( 7 things you must know before start sex life )

1. सेफ्टी है सबसे पहले (Safety for sex) 

अगर असुरक्षित सेक्स किया जायेगा, तो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का खतरा बना रहता है। इसलिए कंडोम के इस्तेमाल के बारे में जरूर जानना चाहिए। एक से अधिक पार्टनर के साथ असुरक्षित सेक्स के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, यह जानना भी जरूरी है। वह यौन जीवन में कंडोम के इस्तेमाल और संयम के महत्व को भी जान सकता है।

2 समझदारी से करें भविष्य की प्लानिंग

असुरक्षित सेक्स अनचाहे गर्भ की संभावना को बढ़ा देता है। इससे असमय बच्चा हो सकता है। इसलिए समझदारी से भविष्य की प्लानिंग करनी चाहिए।


3 सेक्स और इंटरकोर्स एक नहीं हैं (Sex and intercourse are not the same)

जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, सेक्स एजुकेशन के अभाव या न्यूनतम सेक्स एजुकेशन के कारण लोग अक्सर सेक्स और इंटरकोर्स के बारे में अंतर नहीं कर पाते हैं। लोग उन्हें एक ही मान लेते हैं, लेकिन वे नहीं हैं। सेक्स को पेयर से डिफाइन किया जाता है। सेक्स में सेक्सुअल ऑर्गन के अलावा, ओरल, हाथ, अंगुलियां, एनस और अन्य चीजें भी शामिल हो सकती हैं। ये सूची लंबी होती जाती है। सेक्स वेजाइनल, ओरल, एनस कुछ भी हो सकता है। इंटरकोर्स में वेजाइना में पेनिस का जाना होता है।

4. ऑर्गेज़्म सिर्फ लड़कों के लिए नहीं है (Orgasms aren’t just for boys)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि अकसर जानकारी के अभाव में ऑर्गेज़्म को सिर्फ लड़कों के लिए मान लिया जाता है। प्रायोरिटी में महिलाओं का ऑर्गेज्म भी होता है। सदियों से सेक्स को योनि में पेनिस के कार्य के रूप में डिफाइन किया गया है। यह पेनिस के इजेकुलेट होने पर समाप्त हो जाता

सेक्स तब शुरू होता है जब इच्छा और उत्तेजना शुरू होती है। यह समाप्त तब होता है जब दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं। संतुष्टि सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं होती है। महिलाओं के लिए भी एक पॉइंट है, जहां सेक्स के पहुंचने पर उन्हें एक्सट्रीम पॉइंट का सुख मिल जाता है। उस बिंदु पर मेल-फीमेल दोनों को पहुंचना चाहिए।


5. कुंजी है क्लिटोरिस (Clitoris is the key)

जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं केवल क्लिटोरल उत्तेजना के माध्यम से ऑर्गेज़्म प्राप्त करती हैं। इसका मतलब है कि वे सिर्फ वल्वा को छूने वाले सिस्टम पर डिपेंड करने वाली वुमन हैं। ऑर्गेज़्म के लिए क्लिटोरिस को माध्यम बनाना सही है। पर उन्हें पार्टनर से क्लिटोरल लिकिंग, पैटिंग आदि के लिए भी कहना चाहिए। यहां तक कि वाइब्रेटर से भी खुद को बाहर निकालना चाहिए। हालांकि सेक्स में ऑर्गेज्म मायने रखता है। इसलिए क्लिटोरिस पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।

6. सेक्स के बारे में बात करने से बचना नहीं चाहिए (Don’t avoid talking about sex)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि सेक्स कोई ऐसी चीज़ नहीं है, जिसके बारे में बात करने से बचना चाहिए। यदि आप सामने वाले व्यक्ति से यह जानना चाहती हैं कि उसे सेक्स में क्या अच्छा महसूस कराता हैं, तो सेक्स के बारे में टॉक करना जरूरी है। खुद को थोड़ा प्रेम भी दें।


यदि मास्टरबरेशन अच्छा लगता है, तो इसे आजमाने में संकोच नहीं करें। इसे आजमाने में किस तरह के सेक्स टॉय की जरूरत पड़ती है, उससे मदद लेने में संकोच नहीं करें। सेक्स के बारे में अपने पार्टनर से खुल कर हर बात शेयर करें। पहली बार में यह सब असुविधाजनक लग सकता है। लेकिन धीरे-धीरे सीखने पर आगे बढ़ा जा सकता है और सहज हुआ जा सकता है।

7. इंटिमेसी के लिए समय निकलना है जरूरी (make time for intimacy)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन बताते हैं कि रिश्ते में घनिष्ठता बनाए रखने के लिए समय निकालना जरूरी है। शुरुआत में थोड़ी दिक्क्त हो सकती है। प्रयास करने पर धीरे-धीरे इंटिमेसी हो जाती है। इस पर विचार करना और योजना बनाना जरूरी है।


जैसे-जैसे रिश्ते में आगे बढ़ा जाता है, इंटिमेसी को प्राथमिकता देने पर बल दिया जाता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि इंटिमेसी बढ़ाने में आलिंगन और चुंबन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पार्टनर से जुड़ने, डेट प्लान करने या सेक्स शुरू करने की योजना बनाने के लिए हर दिन समय निकालें। इससे रिश्ते की शुरुआत और बाद के समय के बीच सेक्स और अंतरंगता सूची में आती जायेगी


कई ज्ञानी और संस्कारी लोगों को इस पोस्ट से इस जानकारी से आपत्ति भी हो सकती है। और जो संस्कारी का होने का दिखावा करते हैं वह वास्तव में संस्कारी होते नहीं हैं ।

 आज के समय में सेक्स एजुकेशन पर खुलकर चर्चा बहुत जरूरी है। यदि जानकारी अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें और कमेंट्स में अपनी राय जरूर दें धन्यवाद 🙏


          ✍️...... सुनील राठौड़ 

 हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.. लेकिन कभी पीली साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र... तो समझ जाना तुम... जब तुम रसोई में अके...